टैक्सी चालक को घसीट कर मार डाला: खुद तो पढ़ न सका बिजेंदर, बेटी को बनाना चाहता था आईएएस; UPSC की कर रही तैयारी

टैक्सी चालक को घसीट कर मार डाला: खुद तो पढ़ न सका बिजेंदर, बेटी को बनाना चाहता था आईएएस; UPSC की कर रही तैयारी
महज आठवीं कक्षा पास बिजेंदर को हमेशा मलाल रहता था कि वह खुद तो पढ़ नहीं सका, लेकिन अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी जरूर बनाएगा। उसके इसी जुनून को बड़ी बेटी सुनीता हकीकत में बदलने जुटी थी, लेकिन सब मिट्टी में मिल गया। बिजेंदर का भाई यह कहकर फफक-फफककर रोने लगा।
बिजेंदर की मौत की खबर के बाद से ही घर में कोहराम मचा हुआ है। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। परिजनों का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने के चक्कर में बिजेंदर कई बार-बार 24-24 घंटे घर न आकर टैक्सी चलाता रहता था। उसकी मेहनत का ही नतीजा था कि उसकी बेटी ने 12वीं कक्षा में जिले में टॉप किया था।
बाद में वह दिल्ली आ गई और डीयू के देशबंधु कॉलेज में बीए हिस्ट्री ऑनर्स में दाखिला ले लिया। इसके बाद वह यूपीएससी की कोचिंग करने लगी। बिजेंदर बेटी को आईएएस अफसर बनाना चाहता था। पिता की मौत के बाद सुनीता का बुरा हाल है। सुनीता का कहना है कि अब उसके परिवार का क्या होगा।
घर में अकेला बिजेंदर ही कमाने वाला था। एक परिजन ने बताया कि मूलरूप से मोतिहारी, बिहार के रहने वाला बिजेंदर वर्ष 1996 में कमाने के लिए दिल्ली आया था। यहां आकर उसने ऑटो चलाना शुरू किया। बाद में 2001 में उसका विवाह सुगंधी देवी से हुआ। परिवार ने फरीदाबाद की सूर्या काॅलोनी स्थित मकान में किराये पर रहना शुरू कर दिया।
बिजेंदर के यहां पांच बच्चों ने जन्म लिया। इसमें बड़ी बेटी सुनीता (20), बेटा आलोक (18), बेटी किरन (17), बेटी नंदनी (15) और छोटा बेटा आकाश (12) है। सुनीता को छोड़कर बाकी चारों बच्चे गांव में अपने दादा लक्ष्मी शाह और दादी लालती देवी के पास रहते हैं। बच्चे वहीं रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। सुनीता को उच्च शिक्षा के लिए बिजेंदर दिल्ली ले आया था।
खुद बिजेंदर चार भाई व एक बहन हैं। दिल्ली के दल्लूपुरा में रहने वाले बिजेंदर के भाई नागेंद्र ने बताया कि मंगलवार दोपहर 2 बजे उसका भाई टैक्सी लेकर घर से निकला था। शाम करीब 7 बजे भाभी सुगंधी देवी ने बिजेंदर को सब्जी के पैसों के लिए कॉल की था। बिजेंदर ने ऑन लाइन 90 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। देर रात करीब 1.30 बजे पुलिसकर्मियों ने गांव में रहने वाले बिजेंदर के भाई रंजीत को कॉल कर उसके एक्सीडेंट की सूचना दी। रंजीत ने दिल्ली में नागेंद्र को हादसे के बारे में बताया।
इसके बाद परिवार को खबर दी गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। परिजन शव को एंबुलेंस से मोतिहारी ले गए। नागेंद्र ने बताया कि कई साल ऑटो चलाने के बाद भाई वर्ष 2012 में कैब चलाने लगा। कुछ माह पूर्व ही उसने अपने एक जानकार के नाम पर कैब फाइनेंस करवाई थी।
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