900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में ED-ACB के बाद अब CBI की एंट्री, दर्ज हुई FIR
900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में ED-ACB के बाद अब CBI की एंट्री, दर्ज हुई FIR
जल जीवन मिशन में करोड़ों के फर्जीवाड़े में अब राजस्थान सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने जलदाय विभाग के एक्स ईएन विशाल सक्सेना, श्याम ट्यूबेल कम्पनी के प्रोप्राइटर पद्म चंद जैन, गणपति ट्यूबेल कंपनी शाहपुरा के प्रोप्राइटर महेश मित्तल के अलावा अज्ञात सरकारी और गैर सरकारी लोगों को भी शामिल माना है. ये सभी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी के नजदीकी बताए जाते हैं.
दिसंबर में 9 जगह पर की थी रेड
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 18 मार्च को इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी. इसके बाद 3 मई को सीबीआई ने षडयंत्र और धोखाधड़ी का केस दर्ज करके इस मामले की छानबीन शुरू कर दी. यह पूरा मामला फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर पर टेंडर लेने से जुड़ा हुआ है. इस मामले में ईडी ने 2023 सितंबर में जयपुर और अलवर में 9 जगह छापे मारे थे, जिसमें महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बढ़ाया, कल्याण सिंह कविया, विशाल सक्सेना, माया लाल सैनी, पद्म चंद जैन, तहसीलदार सुरेश शर्मा और अमिताभ कौशिक के यहां सर्च में 2.50 लाख नगद, एक किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन देन के कागजात मिले थे.
फेक एक्सपीरियंस लेटर से लिए टेंडर
इससे पहले एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक्स ईएन माया लाल सैनी और जयंत प्रदीप कुमार को पद्म चंद जैन से 2 लाख 20 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था. जांच में आया था कि जल जीवन मिशन में ज्यादा काम लेने व घटिया मटेरियल लगाकर अधिक कमाई के लिए श्री गणपति ट्यूबेल कंपनी और श्री श्याम ट्रेवल कंपनी ने इस्कॉन के फर्जी एक्सपीरियंस प्रमाण पत्र लगाकर 900 करोड़ रुपये काम हासिल किए थे. अब सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अधिकारी ने केरल में विभिन्न स्थानों का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों ने आईआरसीओएन के लिए पूर्णता प्रमाण पत्र में उल्लेखित कार्य किया. उन्होंने कहा कि दावे कथित तौर पर झूठे पाए गए.
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After ED-ACB, now CBI's entry in Rs 900 crore Jal Jeevan Mission scam, FIR registered
Now on the recommendation of Rajasthan Government, the Central Bureau of Investigation (CBI) has registered an FIR and started investigation into the fraud worth crores in Jal Jeevan Mission. CBI has considered Vishal Saxena, Ex-EN of Water Supply Department, Padma Chand Jain, Proprietor of Shyam Tubewell Company, Mahesh Mittal, Proprietor of Ganpati Tubewell Company, Shahpura, besides unknown government and non-government people, to be involved. All of them are said to be close to former Water Supply Minister Mahesh Joshi.
Raid was conducted at 9 places in December
On March 18, the Bhajanlal government of Rajasthan had recommended the CBI to investigate this scam. After this, on May 3, CBI registered a case of conspiracy and fraud and started investigating the matter. This whole matter is related to taking tender on fake experience certificate. In this case, ED had raided 9 places in Jaipur and Alwar in September 2023, in which the houses of Mahesh Mittal, property businessman Sanjay Badha, Kalyan Singh Kavia, Vishal Saxena, Maya Lal Saini, Padma Chand Jain, Tehsildar Suresh Sharma and Amitabh Kaushik. During the search, Rs 2.50 lakh cash, one kg gold brick and property documents worth crores and documents of transactions in the names of relatives of some officials were found.
Tender taken with fake experience letter
Earlier, Anti Corruption Bureau had trapped XEN Maya Lal Saini and Jayant Pradeep Kumar while taking bribe of Rs 2 lakh 20 thousand from Padma Chand Jain. Investigation revealed that in order to earn more by taking more work in Jal Jeevan Mission and by using inferior material, Shri Ganpati Tubel Company and Shri Shyam Travel Company had obtained work worth Rs 900 crore by submitting fake experience certificates of ISKCON. Now CBI has registered a case in this matter and started investigation. The officer visited various places in Kerala and said in his report that the companies did the work mentioned in the completion certificate for IRCON. He said the claims were reportedly found to be false.