पति का अटूट प्रेम: पत्नी की जान बचाने के लिए जो बलिदान दिया वो रूला देगा
पति का अटूट प्रेम: पत्नी की जान बचाने के लिए जो बलिदान दिया वो रूला देगा
प्यार के रिश्ते की मिसालें अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन कभी-कभी यह रिश्ते खून के रिश्तों से भी गहरे होते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत उदाहरण कोट से सामने आया जब एक पति ने अपनी पत्नी की जान बचाने के लिए अपनी किडनी दान कर दी।
8 साल से जिंदगी की जंग लड़ रही थी पत्नी
सानिया बी. नाम की महिला पिछले आठ वर्षों से किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी और उसे ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। सानिया के पति, इमरोजुल्लाह, एक आर्किटेक्ट हैं, जिन्होंने पत्नी की हालत को देखकर तुरंत निर्णय लिया कि वह अपनी किडनी दान करेंगे।
सच्चा प्यार किसी भी कठिनाई को कर सकता है पार
कोटा मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी विभाग में यह ट्रांसप्लांट किया गया। प्राचार्या डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि इमरोज ने 11 दिन पहले अपनी पत्नी को किडनी दान की। सर्जरी 4 घंटे चली, जिसमें यूरोलॉजी विभाग के डॉ. निलेश जैन और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऑपरेशन के बाद, डॉक्टरों ने बताया कि किडनी के कार्य में सुधार हो रहा है और सानिया को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सभी आवश्यक दवाएं और सर्जिकल आइटम्स मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत निःशुल्क उपलब्ध कराए गए। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि सच्चा प्यार किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है।
क्यों डॉक्टर बोले-जान तो बच गई…लेकिन अभी भी सावधान
डॉक्टर्स ने कहा यह है एक सफल किडनी ट्रांसप्लांट है । लेकिन मरीज को कुछ हफ्ते ऑब्जर्वेशन में रहना होगा और कुछ महीनो तक बेहद सावधानी से काम करना होगा। उसके बाद भी काफी समय तक बेहद भारी वजन और बेहद ज्यादा काम करने से बचना होगा। कोटा के मेडिकल कॉलेज में यह 13वां किडनी ट्रांसप्लांट था , जो सफलतापूर्वक किया गया है
Husband's unbreakable love: The sacrifice he made to save his wife's life will make you cry
Examples of love relationships are often heard, but sometimes these relationships are deeper than blood relations. One such amazing example came from Kota when a husband donated his kidney to save his wife's life.
Wife was fighting for life for 8 years
A woman named Sania B. was suffering from kidney disease for the last eight years. Her condition had become critical and she needed a transplant. Sania's husband, Imrozullah, is an architect, who, after seeing his wife's condition, immediately decided that he would donate his kidney.
True love can overcome any difficulty
This transplant was done in the Nephrology Department of Kota Medical College. Principal Dr. Sangeeta Saxena said that Imroz donated his kidney to his wife 11 days ago. The surgery lasted for 4 hours, in which Dr. Nilesh Jain of the Urology Department and his team played an important role.
After the operation, doctors reported that kidney function is improving and Sania will be discharged from the hospital soon. Hospital Superintendent Dr. Ashutosh Sharma said that all the necessary medicines and surgical items for the kidney transplant were provided free of cost under the Chief Minister Ayushman Arogya Yojana. This incident is proof that true love can overcome any difficulty.
Why did the doctor say - life was saved ... but still be careful
Doctors said that this is a successful kidney transplant. But the patient will have to remain under observation for a few weeks and work very carefully for a few months. Even after that, one will have to avoid lifting very heavy weights and doing excessive work for a long time. This was the 13th kidney transplant in Kota Medical College, which has been done successfully.