रवि प्रदोष व्रत आज , भगवान शिव की आराधना से होते हैं सब बिगड़े काम सफल
रवि प्रदोष आज , भगवान शिव की आराधना से होते हैं सब बिगड़े काम सफल - प्रदोष व्रत
बीकानेर. सनातन धर्म में भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है भगवान शिव की विशेष कृपा के लिए सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा होती है. इसके अलावा साप्ताहिक दिन में सोमवार और तिथि में प्रदोष व्रत का महत्व शिवपुराण में बताया गया है. शिवपुराण में प्रदोष व्रत की महिमा बताई गई है.
रवि प्रदोष का महत्व : भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. प्रदोष व्रत रविवार को होने से इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है. रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह का प्रभाव कमजोर है या खराब प्रभाव है तो उसको रवि प्रदोष व्रत अवश्य ही करना चाहिए. जिस कारण उसे भगवान सूर्य का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा. भगवान शिव भगवान शिव चंद्रमा को अपने सिर पर धारण करते हैं. इसलिए किसी भी प्रदोष व्रत को करने से भगवान चंद्र देव का आशीर्वाद स्वत: ही प्राप्त हो जाता है. प्रदोष व्रत का नियम पूर्वक पालन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. नवग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में धन धान्य मान सम्मान की भी प्राप्ति होती है.
नियम का करें पालन : प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने का महत्व है. इस दिन सुबह उठकर स्नान करें, उसके बाद पूजा घर में दीपक जलाएं और हाथ में अक्षत लेकर प्रदोष व्रत का संकल्प लें. उसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान की पूजा अर्चना, जलाभिषेक अथवा रुद्राभिषेक और आरती करें. व्रत का पालन करते हुए लगातार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. भगवान शिव को भांग,बेलपत्र, धतूरा, नैवेद्य अर्पित करना चाहिए.
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Ravi Pradosh today, by worshiping Lord Shiva all the bad things get successful - Pradosh Vrat
Bikaner. In Sanatan Dharma, Lord Shiva is called Devadhidev. Lord Shiva is worshiped in the month of Sawan for the special blessings of Lord Shiva. Apart from this, the importance of Pradosh fast on Monday and Tithi of the weekly day has been explained in Shivpuran. The glory of Pradosh fast has been described in Shivpuran.
Importance of Ravi Pradosh: The special importance of Pradosh fast for the worship of Lord Shiva has been mentioned in the scriptures. Since Pradosh Vrat falls on Sunday, it is called Ravi Pradosh Vrat. Sunday is dedicated to Lord Suryadev. If the influence of Sun planet is weak or bad in a person's horoscope, then he must observe Ravi Pradosh fast. Due to which he will also get the blessings of Lord Surya. Lord Shiva Lord Shiva holds the moon on his head. Therefore, by observing any Pradosh fast, one automatically receives the blessings of Lord Chandradev. By observing Pradosh Vrat regularly, all the troubles of life go away. One receives the blessings of Navagrahas and also receives wealth and respect in life.
Follow the rules: There is importance of performing Jalabhishek and Rudrabhishek of Lord Shiva on the day of Pradosh Vrat. On this day, wake up in the morning and take a bath, after that light a lamp in the puja room and take the Akshat in your hand and take the pledge of Pradosh Vrat. After that go to Shiva temple and worship the Lord, perform Jalabhishek or Rudrabhishek and Aarti. While observing the fast, one should continuously chant Om Namah Shivay mantra. Cannabis, Belpatra, Dhatura, Naivedya should be offered to Lord Shiva.