बीकानेर में ब्रह्मनाद महोत्सव: सनातन संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने का भव्य आयोजन

बीकानेर में ब्रह्मनाद महोत्सव: सनातन संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने का भव्य आयोजन
. .

बीकानेर में ब्रह्मनाद महोत्सव: सनातन संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने का भव्य आयोजन

बीकानेर: नव संवत्सर 2082 के शुभ आगमन पर बीकानेर सांस्कृतिक मंच द्वारा ब्रह्मनाद महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। 29 मार्च को पुष्करणा स्टेडियम में होने वाला यह सांस्कृतिक उत्सव सनातन संस्कृति और संस्कारों को पुनर्जीवित करने का अनूठा प्रयास है।

संस्कृति से जुड़ेगा युवा वर्ग

आयोजन समिति के सदस्य श्रीकांत व्यास ने बताया कि युवा पीढ़ी को नव संवत्सर और भारतीय संस्कृति से परिचित कराने के उद्देश्य से यह भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। बीकानेर में पहली बार हो रहे इस आयोजन का शुभारंभ शंखनाद के साथ होगा।

बीकानेर के संतों का होगा सम्मान

कार्यक्रम के दौरान बीकानेर के 10 सम्मानित संतों का विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।

आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

ब्रह्मनाद महोत्सव में बीकानेर के प्रतिभाशाली कलाकार विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। कुछ प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

  • 50 बालकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार

  • 50 बच्चों द्वारा गीता अध्याय का पाठ

  • नगाड़ा वादन

  • महिषासुर मर्दिनी समूह नृत्य

  • सितार और वायलिन वादन

  • कत्थक नृत्य

  • ईशानाथ मंडल द्वारा भजन प्रस्तुति

  • प्रसिद्ध गायक प्रवेश शर्मा की गीत प्रस्तुति

  • राम भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति

  • सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ

दीपोत्सव और आरती का आयोजन

कार्यक्रम के समापन पर दीपोत्सव का भव्य नजारा देखने को मिलेगा। दीप जलाकर आदि शक्ति की सामूहिक आरती की जाएगी और इसके बाद आतिशबाजी से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा।

व्यवस्था और आमंत्रण

  • कार्यक्रम में 1000 कुर्सियां और 2,500 लोगों के बैठने की स्टेडियम में व्यवस्था की गई है।

  • महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।

  • आयोजन समिति ने दर्शकों से पैदल आने का अनुरोध किया है, ताकि ट्रैफिक प्रबंधन बेहतर हो सके।

पोस्टर विमोचन समारोह

कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन आरती आचार्य, राजकुमारी व्यास, डॉ. अशोक व्यास, डॉ. उमाकांत व्यास और आजाद पुरोहित सहित अन्य गणमान्यजनों की उपस्थिति में किया गया।

ब्रह्मनाद महोत्सव न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह सनातन संस्कृति को पुनः जीवंत करने का आध्यात्मिक उत्सव भी है।