मौत के मुहाने पर बीकानेर का एक परिवार: अवैध खनन और निगम की लापरवाही से कांता खातुरिया कॉलोनी में हर पल जान का खतरा

बीकानेर की कांता खातुरिया कॉलोनी में अवैध खनन और नगर निगम की लापरवाही से एक परिवार की जान पर बन आई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

 0
मौत के मुहाने पर बीकानेर का एक परिवार: अवैध खनन और निगम की लापरवाही से कांता खातुरिया कॉलोनी में हर पल जान का खतरा
MYCITYDILSE VAAHAN BAZAR
MYCITYDILSE VAAHAN BAZE

मौत के मुहाने पर बीकानेर का एक परिवार: अवैध खनन और निगम की लापरवाही से कांता खातुरिया कॉलोनी में हर पल जान का खतरा

बीकानेर की कांता खातुरिया कॉलोनी में एक परिवार बीते कई सालों से नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है। उनके घर के ठीक सामने अवैध खनन से बनी एक खाई और बारिश के पानी का बहाव हर पल जान-माल के खतरे का सबब बना हुआ है। निगम प्रशासन की घोर लापरवाही और उदासीनता ने इस परिवार को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया है। यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि एक बड़े खतरे की दस्तक है, जिस पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो एक बड़ा हादसा तय है।फ़ैमिली वेकेशन पैकेज

 निगम की अनदेखी और जानलेवा ढलान 

बीकानेर की कांता खातुरिया कॉलोनी स्थित मकान नंबर ई-155 के निवासी कमलजीत और उनके परिवार का जीवन खतरे में है। उनके घर के ठीक सामने की जमीन निचले स्तर पर होने के कारण बारिश का पानी सीधे उनके मकान की ओर ढलान में बहता है, जिससे घर के सामने पानी भर जाता है। यह स्थिति उनके और उनके परिवार के लिए जान-माल का गंभीर खतरा बनी हुई है। इस समस्या को लेकर परिवार ने कई बार भावनगर निगम आयुक्त को अवगत कराया है, लेकिन हैरानी की बात है कि निगम प्रशासन इस गंभीर विषय पर चुप्पी साधे बैठा है, मानो किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा हो।

 बार-बार की शिकायतें, परिणाम शून्य 

कमलजीत ने 24 जून 2025 को भी निगम में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने समस्त मोहल्ले वासियों के हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र के साथ निगम को बताया था कि उनके मकान के सामने की निचली जमीन में बरसात का पानी भर जाने से उनके घर और परिवार को खतरा है। स्वयं के खर्च पर कई बार मिट्टी डलवाने के बावजूद, समस्या जस की तस बनी हुई है। पूर्व में 2 अगस्त 2024 को हुई भारी वर्षा में व्यास कॉलोनी की तरफ से सड़क पर ढलान के कारण अत्यधिक पानी आने से डाली गई मिट्टी बह गई, जिससे मकान की नींव और आसपास की जमीन पर खतरा मंडराने लगा।

 अस्थायी समाधान जबकि स्थायी समस्या 

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए 6 अगस्त 2024 को नगर निगम ने मकान खाली करने के लिए मिट्टी के कट्टे तो लगवाए, लेकिन खाई को भरने के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं किया। मजबूरन परिवार को अपने निजी खर्च पर दोबारा मिट्टी डलवानी पड़ी। हालांकि, 9 सितंबर 2024 को हुई बारिश में वह भराई भी पूरी तरह बह गई। इसके बाद कई बार संबंधित अधिकारियों को लिखित सूचना देने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी और स्थायी कार्यवाही नहीं की गई है। हाल ही में 17 जून 2025 को फिर हुई बारिश से मिट्टी का कटाव फिर से शुरू हो गया है, जिससे परिवार की चिंताएं और बढ़ गई हैं।फ़ैमिली वेकेशन पैकेज

 बढ़ता तनाव और मोहल्ले की मांग 
बारिश के दौरान सीवरेज लाइन और सड़क पर आम दिनों की तुलना में अधिक पानी बहता है, जिससे जलभराव हो जाता है और स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पिछले कुछ सालों से लगातार इस समस्या का सामना करते हुए कमलजीत और उनका परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से अत्यधिक तनाव और परेशानी में हैं। अपनी मेहनत की कमाई से बनाए घर की सुरक्षा को लेकर हर समय आशंका बनी रहती है। समस्त मोहल्ले वासियों ने निगम से करबद्ध निवेदन किया है कि इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता देते। बीकानेर की कांता खातुरिया कॉलोनी में एक परिवार बीते कई सालों से नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है। उनके घर के ठीक सामने अवैध खनन से बनी एक खाई और बारिश के पानी का बहाव हर पल जान-माल के खतरे का सबब बना हुआ है। निगम प्रशासन की घोर लापरवाही और उदासीनता ने इस परिवार को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया है। यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि एक बड़े खतरे की दस्तक है, जिस पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो एक बड़ा हादसा तय है।फ़ैमिली वेकेशन पैकेज

 निगम की अनदेखी और जानलेवा ढलान 
बीकानेर की कांता खातुरिया कॉलोनी स्थित मकान नंबर ई-155 के निवासी कमलजीत और उनके परिवार का जीवन खतरे में है। उनके घर के ठीक सामने की जमीन निचले स्तर पर होने के कारण बारिश का पानी सीधे उनके मकान की ओर ढलान में बहता है, जिससे घर के सामने पानी भर जाता है। यह स्थिति उनके और उनके परिवार के लिए जान-माल का गंभीर खतरा बनी हुई है। इस समस्या को लेकर परिवार ने कई बार भावनगर निगम आयुक्त को अवगत कराया है, लेकिन हैरानी की बात है कि निगम प्रशासन इस गंभीर विषय पर चुप्पी साधे बैठा है, मानो किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा हो।

 बार-बार की शिकायतें, परिणाम शून्य 
कमलजीत ने 24 जून 2025 को भी निगम में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने समस्त मोहल्ले वासियों के हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र के साथ निगम को बताया था कि उनके मकान के सामने की निचली जमीन में बरसात का पानी भर जाने से उनके घर और परिवार को खतरा है। स्वयं के खर्च पर कई बार मिट्टी डलवाने के बावजूद, समस्या जस की तस बनी हुई है। पूर्व में 2 अगस्त 2024 को हुई भारी वर्षा में व्यास कॉलोनी की तरफ से सड़क पर ढलान के कारण अत्यधिक पानी आने से डाली गई मिट्टी बह गई, जिससे मकान की नींव और आसपास की जमीन पर खतरा मंडराने लगा।


 अस्थायी समाधान जबकि स्थायी समस्या 
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए 6 अगस्त 2024 को नगर निगम ने मकान खाली करने के लिए मिट्टी के कट्टे तो लगवाए, लेकिन खाई को भरने के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं किया। मजबूरन परिवार को अपने निजी खर्च पर दोबारा मिट्टी डलवानी पड़ी। हालांकि, 9 सितंबर 2024 को हुई बारिश में वह भराई भी पूरी तरह बह गई। इसके बाद कई बार संबंधित अधिकारियों को लिखित सूचना देने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी और स्थायी कार्यवाही नहीं की गई है। हाल ही में 17 जून 2025 को फिर हुई बारिश से मिट्टी का कटाव फिर से शुरू हो गया है, जिससे परिवार की चिंताएं और बढ़ गई हैं।फ़ैमिली वेकेशन पैकेज

 बढ़ता तनाव और मोहल्ले की मांग 

बारिश के दौरान सीवरेज लाइन और सड़क पर आम दिनों की तुलना में अधिक पानी बहता है, जिससे जलभराव हो जाता है और स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पिछले कुछ सालों से लगातार इस समस्या का सामना करते हुए कमलजीत और उनका परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से अत्यधिक तनाव और परेशानी में हैं। अपनी मेहनत की कमाई से बनाए घर की सुरक्षा को लेकर हर समय आशंका बनी रहती है। समस्त मोहल्ले वासियों ने निगम से करबद्ध निवेदन किया है कि इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता देते हुए तत्काल निम्नलिखित कार्य कराए जाएं: खाई की स्थायी एवं पूर्ण भराई की जाए, वर्षाजल के बहाव को नियंत्रित करने हेतु नाली या ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण किया जाए, और कॉलोनी की जलनिकासी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।

 भविष्य की चिंता और निगम की जवाबदेही 

यह स्पष्ट है कि कांता खातुरिया कॉलोनी में एक बड़ा मानवीय संकट पनप रहा है, जिसकी जड़ में अवैध खनन और नगर निगम की घोर लापरवाही है। जब तक निगम इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं करता, तब तक इस परिवार और पूरे मोहल्ले पर एक बड़ा खतरा मंडराता रहेगा। यह आवश्यक है कि निगम प्रशासन तुरंत कार्रवाई करे और न केवल इस परिवार को राहत दे, बल्कि भविष्य में ऐसे किसी भी हादसे को टालने के लिए ठोस कदम उठाए।