विकलांग युवती से दुष्कर्म: आरोपी को 10 साल की कैद, 15 हजार का जुर्माना
विकलांग युवती से दुष्कर्म: आरोपी को 10 साल की कैद, 15 हजार का जुर्माना
बीकानेर। अपर सत्र न्यायाधीश महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत के कार्यवाहक पीठासीन अधिकारी लोकेन्द्रसिंह शेखावत ने विकलांग और मंदबुद्धि युवती से दुष्कर्म करने वाले को 10 साल के कठोर कारावास और 15,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। पीड़िता के पिता की ओर से 8 फरवरी, 20 को खाजूवाला थाना पुलिस को रिपोर्ट दी गई थी कि वह अपने बेटे के साथ खेत में काम कर रहा था।
उसकी पत्नी खाना लेकर खेत में आ गई। घर पर दिव्यांग और मंदबुद्धि पुत्री अकेली थी। आरोपी सुशील कुमार घर में घुसा और युवती से दुष्कर्म किया। वारदात को अंजाम देकर वह फरार हो गया। युवती बेहोश हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक मजिस्ट्रेट खाजूवाला में चालान पेश कर दिया। वहां सेशन न्यायालय में कमिट किए जाने के बाद अंतरिम होकर विशेष न्यायालय को प्राप्त हुआ।
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी माना और 10 साल के कठोर कारावास व 15000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर 8 माह का रिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओ गर्ट में 15 गवाहों के बयान हुए। राज्य की ओर से पैरवी विक्रमसिंह ने की। कोर्ट ने पीड़ित प्रतिकर स्कीम में पीड़िता को प्रतिकर दिए जाने की अनुशंसा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से की है।
Rape of a disabled girl: Accused sentenced to 10 years imprisonment, fine of Rs 15,000
Bikaner. Additional Sessions Judge, Acting Presiding Officer of the Special Court for Women Harassment Cases, Lokendra Singh Shekhawat has sentenced the person who raped a disabled and mentally challenged girl to 10 years rigorous imprisonment and a fine of Rs 15,000. The victim's father had reported to Khajuwala police station on February 8, 20 that he was working in the field with his son. His wife came to the field with food. The disabled and mentally challenged daughter was alone at home. Accused Sushil Kumar entered the house and raped the girl. He fled after committing the crime. The girl fainted. Police arrested the accused in this case and presented the challan in Judicial Magistrate Khajuwala. After being committed in the Sessions Court there, it was received by the Special Court as interim. After hearing the case, the court held the accused guilty and sentenced him to 10 years of rigorous imprisonment and a fine of Rs 15,000. If the fine is not deposited, he will have to undergo 8 months of continuous imprisonment. 15 witnesses testified in the prosecution's OGT. Vikram Singh argued on behalf of the state. The court has recommended to the District Legal Services Authority to give compensation to the victim under the Victim Compensation Scheme.