बीकानेर: पाल टूटने से 2000 लोग घरों में हुए कैद, कॉलोनियां बनीं पानी के टापू

बीकानेर में 61 मिमी बारिश के बाद पाल टूटी, कॉलोनियों में पानी घुसने से हजारों लोग घरों में फंसे, प्रशासन पर उठ रहे सवाल।

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बीकानेर: पाल टूटने से 2000 लोग घरों में हुए कैद, कॉलोनियां बनीं पानी के टापू
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बीकानेर: पाल टूटने से 2000 लोग घरों में हुए कैद, कॉलोनियां बनीं पानी के टापू

बीकानेर। 15 जुलाई, मंगलवार। बीकानेर के वल्लभगार्डन क्षेत्र में बीते दिनों हुई 61 मिमी भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस बारिश के कारण वल्लभगार्डन की 300 फीट चौड़ी पाल अचानक टूट गई। यह अब तक की सबसे बड़ी टूटन मानी जा रही है।

इससे पहले पाल अधिकतम 70 फीट तक ही टूटी थी, मगर इस बार इतना ज्यादा पानी जमा हो गया कि पाल का दबाव सहन नहीं हो पाया और पूरा इलाका जलमग्न हो गया। बजरंग विहार प्रथम और सेकंड फेज तथा मदन विहार कॉलोनियां मानो पानी के टापू में बदल गईं।

स्थिति यह है कि इन कॉलोनियों में रहने वाले करीब 2000 लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। लोगों के घरों और गेट तक पानी घुस चुका है, बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा। बीते तीन दिनों से लोग पानी में फंसे हुए हैं और हालात जस के तस बने हुए हैं।

बीकानेर शहर के लगभग 70 प्रतिशत इलाके में सीवरेज व्यवस्था है। लेकिन शेष 30 प्रतिशत क्षेत्र में सीवरेज नहीं है और वहां का पानी नालों से होते हुए वल्लभगार्डन में जमा हो जाता है। इस पानी का न तो ट्रीटमेंट किया जाता है और न ही कोई स्थाई समाधान ढूंढा जाता है।

स्थानीय लोग इस गंदे पानी को पंप कर खेतों में ले जाकर खेती करते हैं। इसी पाल से सटी बजरंग विहार और मदन विहार कॉलोनियां बार-बार प्रभावित होती रहती हैं।

लोगों की उम्मीदें अब भी कायम हैं कि कभी तो स्थाई समाधान निकलेगा, मगर योजनाएं केवल कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।