राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने बीकानेर में आयोजित प्रदेश स्तरीय धरना, वेतन विसंगति और पदोन्नति की मांग जोरदार तरीके से उठाई
बीकानेर में राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील द्वारा आयोजित विशाल धरना एवं प्रदर्शन में शिक्षकों की लंबित समस्याओं और 21 सूत्री मांग पत्र को राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने बीकानेर में आयोजित प्रदेश स्तरीय धरना, वेतन विसंगति और पदोन्नति की मांग जोरदार तरीके से उठाई
बीकानेर। राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील द्वारा शिक्षकों की लंबित समस्याओं के समाधान को लेकर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कार्यालय में विशाल धरना एवं प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस अवसर पर संगठन के माध्यम से 21 सूत्री मांग पत्र राज्य सरकार को भेजा गया।
धरने में सभा का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष बनाम चौधरी की अध्यक्षता में हुआ। महामंत्री यतीश वर्मा ने बताया कि प्रदेश स्तरीय धरने में शिक्षकों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से तत्काल वार्ता की मांग की गई। मुख्य महामंत्री किशन लाल सारण ने चेतावनी दी कि समय रहते समाधान न होने पर सभी शिक्षकों को संघर्ष में शामिल किया जाएगा।
बीकानेर जिलाध्यक्ष आनंद पारीक ने वेतन विसंगति और निस्तारण की मांग उठाई। संरक्षक पूनमचंद बिश्नोई ने न्यायालय के आदेश के अनुसार पदोन्नति शिक्षकों को वरिष्ठता लाभ देने और शिक्षा OPS को यथावत रखने का आग्रह किया।
सभा को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जसवंत सिंह नरूका और वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद पारीक ने संबोधित किया, वहीं बाड़मेर के जिला अध्यक्ष चित्राराम सियाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों की बकाया पदोन्नति शीघ्र कराने की अपील की। जालौर के जिला अध्यक्ष जयकरण बिश्नोई ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की।
सभा के पश्चात शिक्षकों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और ज्ञापन अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा एवं निदेशालय के स्टाफ ऑफिसर अशोक शर्मा को सौंपा। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रदेश मंत्री गुलाब नाथ योगी, असलम मोहम्मद समेजा, जयपुर जिलाध्यक्ष रामचंद्र जाट, बालोतरा जिलाध्यक्ष ठाकराराम, अजमेर जिलाध्यक्ष रामधन जात, टोंक से धन सिंह, हनुमानगढ़ से तरुण मेघवाल, बाड़मेर से देवाराम चौधरी, कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष पृथ्वीराज लेगा सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन आनंद पारीक ने किया। यह धरना शिक्षकों की न्यायसंगत मांगों और भविष्य में संघर्ष जारी रखने के संकल्प को दर्शाता है।