गुरु जम्भेश्वर जी के नियमों पर चलकर ही मनुष्य भव सागर पार कर सकता है ,आचार्य श्री कृष्णानंद

बीकानेर में जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित धर्म सभा में ऋषिकेश से पधारे आचार्य श्री कृष्णानंद ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी के उपदेश मानवता के कल्याण के लिए अमूल्य मार्गदर्शक हैं।

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गुरु जम्भेश्वर जी के नियमों पर चलकर ही मनुष्य भव सागर पार कर सकता है ,आचार्य श्री कृष्णानंद
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गुरु जम्भेश्वर जी के नियमों पर चलकर ही मनुष्य भव सागर पार कर सकता है ,आचार्य श्री कृष्णानंद

बीकानेर। जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित धर्म सभा में ऋषिकेश से पधारे आचार्य श्री कृष्णानंद जी ने कहा कि “गुरु जम्भेश्वर जी के उपदेश बिश्नोई धर्म के साथ-साथ सम्पूर्ण मानवता के लिए उपयोगी हैं।” उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने धर्म के प्रति श्रद्धा रखता है और उसमें निहित मानव कल्याण के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाता है, वही सच्चे अर्थों में जीवन को सफल बनाता है।

आचार्य कृष्णानंद ने सभी उपस्थित जनों को गुरु जम्भेश्वर भगवान के 541वें बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि गुरुजी के नियमों और उपदेशों का पालन कर ही मनुष्य अपने जीवन का सच्चा लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।

इससे पूर्व आयोजित हरिकथा के बारे में अकादमी महासचिव विनोद जम्भदास ने बताया कि समस्त वेदों का सार गुरु जम्भेश्वर जी द्वारा प्रतिपादित शब्दवाणी में निहित है। उपाध्यक्ष राजाराम धारणिया ने कहा कि 8 अक्टूबर से प्रारंभ हुई हरिकथा में बीकानेर के सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने भाग लिया।

कथा संयोजक डॉ हरिराम सियाग ने बताया कि सप्तदिवसीय हरिकथा के समापन पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो जय नारायण व्यास कॉलोनी के विभिन्न मार्गों से होते हुए अकादमी भवन में धर्म सभा के रूप में रूपांतरित हुई।

धर्म सभा को डॉ बनवारीलाल सहू, मोखराम धारणिया, कर्नल सज्जन डेलू, डॉ कृष्णलाल देहडू, मास्टर सहीराम, डॉ भंवरलाल कड़वासरा, रामसिंह कस्वा, और हरिराम खीचड़ सहित कई विद्वानों ने संबोधित किया।

सभा में सैकड़ों महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने भागीदारी की। कार्यक्रम की सफलता में विमला बिश्नोई, डॉ संतोष कड़वासरा, बुधराम गोदारा, बस्तीराम डूडी, डॉ लालचंद डूडी, रामस्वरूप खीचड़, हनुमान खीचड़, जगदीश खीचड़ का विशेष योगदान रहा।

आभार व्यक्त करते हुए भंवरलाल कड़वासरा ने कहा कि अकादमी के प्रति लोगों का जुड़ाव और श्रद्धा समाज में जागृति का प्रतीक है।