हत्याकांड में बड़ा खुलासा: महिला की हत्या पति ने नहीं, दोस्त ने की

धर्मशाला में ठहरे थे सविता और अक्षय। आधार कार्ड से खुला कि जिसने कमरा लिया वह पति गणेश नहीं, बल्कि दोस्त अक्षय था। हत्या के बाद आरोपी का शव भी रेलवे ट्रैक से मिला।

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हत्याकांड में बड़ा खुलासा: महिला की हत्या पति ने नहीं, दोस्त ने की
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हत्याकांड में बड़ा खुलासा: महिला की हत्या पति ने नहीं, दोस्त ने की

अमृतसर में महाराष्ट्र की महिला की मौत के मामले में पुलिस की जांच ने नया मोड़ ले लिया है। शुरू में माना जा रहा था कि महिला की हत्या उसके पति ने की, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि हत्या उसके पति द्वारा नहीं बल्कि उसके दोस्त अक्षय राठौर ने की थी। मामले में सामने आए तथ्य चौकाने वाले हैं और पुलिस अब पूरी घटना की कड़ियां जोड़कर आगे की जांच कर रही है।

महाराष्ट्र के ठाणे की रहने वाली सविता सोनकर हाल ही में अपने दोस्त अक्षय राठौर के साथ अमृतसर पहुंची थी। दोनों ने अमृतसर रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक धर्मशाला में कमरा लिया था। पुलिस जांच में पाया गया कि कमरे की बुकिंग के समय अक्षय ने अपनी पहचान छिपाई और अपने नाम की जगह सविता के पति गणेश सोनकर का आधार कार्ड दिया। इसी वजह से पुलिस शुरुआत में यह मानकर चल रही थी कि धर्मशाला में रुकने वाला व्यक्ति ही सविता का पति था।

शनिवार को धर्मशाला में सविता की हत्या कर दी गई। घटना के बाद आरोपी अक्षय मौके से फरार हो गया। पुलिस ने शुरू में हत्या का शक गणेश सोनकर पर जताया था, लेकिन जब जांच में पता चला कि कमरे में रुका व्यक्ति वास्तव में पति नहीं बल्कि दोस्त अक्षय था, तो पूरा मामला पलट गया।

एसीपी रिषभ भोला ने बताया कि जांच में यह प्रमाणित हुआ कि हत्या अक्षय राठौर ने की थी। घटना के बाद आरोपी मानसिक दबाव में था और मंगलवार की शाम जंडियाला गुरु रेलवे ट्रैक पर उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। रेलवे ट्रैक से मिलने वाले शव की पहचान पुलिस ने अक्षय के रूप में की।

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या की वजह क्या थी। क्या आरोपी और सविता के बीच किसी तरह का विवाद था या मामला किसी व्यक्तिगत या भावनात्मक तनाव से जुड़ा हुआ था। दोनों के परिवारों को पूरी घटना की जानकारी दे दी गई है और उनसे भी पूछताछ की जा रही है ताकि मामले की मंशा साफ हो सके।

धर्मशाला के प्रबंधकों ने पुलिस को बताया कि कमरा लेने के समय अक्षय ने बिल्कुल सामान्य व्यवहार किया और किसी तरह का संदेह पैदा नहीं किया। आधार कार्ड देखने के बाद उन्हें लगा कि जो व्यक्ति रुक रहा है वह महिला का पति है।

अमृतसर पुलिस ने बताया कि यह मामला पहचान छिपाने, हत्या और आत्महत्या से जुड़ा एक जटिल केस बन गया है। हालांकि, प्रमुख आरोपित अक्षय की मौत के बाद अब कानूनी प्रक्रिया केवल दस्तावेजी जांच और घटना के कारणों के विश्लेषण पर आगे बढ़ेगी।

इस घटना ने अमृतसर में सुरक्षा व्यवस्था और पहचान सत्यापन को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने कहा है कि सभी धर्मशालाओं और छोटे होटलों को सतर्कता बढ़ाने और पहचान सत्यापन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए जाएंगे।