पीबीएम अस्पताल में विश्व रक्तचाप माह पर जागरूकता कार्यक्रम, जानें हाई BP से बचाव के उपाय

बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में विश्व रक्तचाप माह के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। जानिए उच्च रक्तचाप के खतरों, लक्षणों और नियंत्रण उपायों के बारे में।

May 19, 2025 - 18:44
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पीबीएम अस्पताल में विश्व रक्तचाप माह पर जागरूकता कार्यक्रम, जानें हाई BP से बचाव के उपाय
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बीकानेर में विश्व रक्तचाप माह पर जागरूकता अभियान: जानिए हाई बीपी से बचने के 10 आसान तरीके और मुफ्त दवाओं की जानकारी

बीकानेर, 19 मई। विश्व रक्तचाप माह के अवसर पर पीबीएम अस्पताल स्थित हल्दीराम मूलचंद कार्डियोवस्कुलर साइंस एंड रिसर्च सेंटर में एक जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को लेकर लोगों को जागरूक करना और इससे होने वाली बीमारियों जैसे ब्रेन स्ट्रोक, हृदयघात और रेटाइनोपेथी के जोखिम को समझाना था।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. पिंटू नाहटा ने बताया कि भारत में लगभग 30–35% लोग हाई बीपी से प्रभावित हैं। यह एक साइलेंट किलर है, जो व्यक्ति को बिना चेतावनी के गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर धकेल देता है।

???? जागरूकता के तीन स्तर:

  1. ब्लड प्रेशर कैम्प – हर व्यक्ति का बीपी मापा गया और जानकारी दी गई कि 140/90 से अधिक रीडिंग खतरे की घंटी है।

  2. जीवनशैली बदलाव पर जोर – नमक की मात्रा घटाना, जंक फूड से परहेज, मौसमी फल, योग, वॉक और मेडिटेशन अपनाना।

  3. नियमित जांच और दवा सेवन – बीपी के मरीजों को दवा न छोड़ने की सलाह दी गई क्योंकि केवल 40–45% लोग ही नियमित दवा लेते हैं।

डॉ. दिनेश चौधरी ने बताया कि बीपी का असर धीमे-धीमे होता है और अचानक हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का कारण बनता है। ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा हो सकती है।

डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल ने राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दी, जिनके तहत बीपी जांच और दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
इस मौके पर डॉ. सुनील बुढ़ानिया, डॉ. राम गोपाल कुमावत, डॉ. राजवीर बेनीवाल, डॉ. रतन लाल रांका समेत अनेक विशेषज्ञ उपस्थित थे।
डायटिशियन डॉ. मीनाक्षी जाखड़ ने विशेष बीपी डाइट के बारे में बताया।