विश्व गौरैया दिवस: शांति विद्या निकेतन विद्यालय में विद्यार्थियों को जीव दया का संदेश

विश्व गौरैया दिवस: शांति विद्या निकेतन विद्यालय में विद्यार्थियों को जीव दया का संदेश
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विश्व गौरैया दिवस: शांति विद्या निकेतन विद्यालय में विद्यार्थियों को जीव दया का संदेश

बीकानेर। शीतला गेट स्थित शांति विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में विश्व गौरैया दिवस को बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर करूणा क्लब इकाई और स्काउट गाइड ईको क्लब के सदस्यों ने पक्षी संरक्षण और जीव दया का संदेश दिया।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

  • कार्यक्रम की अध्यक्षता करूणा क्लब के शिक्षाअधिकारी एवं शिक्षाविद् श्री घनश्याम साध ने की।
  • प्रधानाध्यापक श्री हनुमान छींपा ने बताया कि विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत 2010 में मोहम्मद दिलावर द्वारा की गई थी, जो नेचर फॉरएवर सोसायटी और फ्रांस के ईकोसिस एक्शन फाउंडेशन के सहयोग से संभव हुई।
  • श्री घनश्याम साध ने अपने उद्बोधन में कहा कि शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण गौरैया की संख्या में गिरावट आ रही है। उन्होंने गौरैया संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की।

विद्यार्थियों का उत्साहपूर्ण योगदान

  • बालिका मानवी सोलंकी ने अपने आलेख "प्रकृति के नन्हे दूत" का वाचन किया, जिसे सौरभ बजाज ने प्रस्तुत किया।
  • शाला संस्थापक और कब मास्टर श्री रमेश कुमार मोदी ने बताया कि गौरैया की 26 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें भारत में 5 प्रजातियां देखने को मिलती हैं।
  • मानवी सोलंकी और शैली सोलंकी ने वेस्ट डिब्बों से बने घोंसले और लोहे के पींपे से तैयार चुग्गा-पानी स्टैंड विद्यालय को भेंट किए, जिन्हें श्री घनश्याम साध ने विद्यालय की छत पर स्थापित किया।

प्रतियोगिताएं और पुरस्कार

  • चित्रकला प्रतियोगिता और प्रश्न मंच का आयोजन किया गया, जिसमें कक्षा 3 से 9वीं तक के 34 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
  • 12 विद्यार्थियों को अव्वल स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया।

संरक्षण का संकल्प

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने गौरैया संरक्षण और प्रकृति की देखभाल करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन सौरभ बजाज ने किया और उन्होंने विद्यार्थियों को जीव दया का महत्व भी समझाया।

शांति विद्या निकेतन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शिक्षाप्रद रहा, बल्कि पक्षी संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाने वाला साबित हुआ।