गवाह पुलिसकर्मी नहीं मिला तो कोर्ट ने कहा-सेना की मदद ले लो,पढ़ें खबर

गवाह पुलिसकर्मी नहीं मिला तो कोर्ट ने कहा-सेना की मदद ले लो,पढ़ें खबर
गवाह पुलिसकर्मी नहीं मिला तो कोर्ट ने कहा-सेना की मदद ले लो,पढ़ें खबर
 
बीकानेर। हत्या के मामले में गवाह को वारंट कोर्ट में तामील नहीं होने पर न्यायालय ने सख्त नाराजगी जताई और एसएचओ को कहा कि गवाह नहीं मिल रहा है तो सेना की मदद ले लो। दरअसल मामला महाजन के रामबाग क्षेत्र में वर्ष 2023 के जनवरी राकेश जाट की हत्या से जुड़ा है। इस मामले में थोन का एक कांस्टेबल पूनमचंद गवाह है 
 
जो कि कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो कोर्ट ने 5 जून को उसका जमानती वारंट जारी किया। उसे 29-30 जुलाई को तलब किया गया। लेकिन, तारीख पेशी पर ना तो वारंट तामील लौटा और ना ही बिना तामील किए लाया गया। इससे नाराज कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने 12 अगस्त को महाजन पुलिस थाने के एसएचओ की जमकर खिंचाई की और स्पष्टीकरण मांग लिया।
 
 
कोर्ट ने कहा कि एसएचओ अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन है व कार्य करने में असक्षम हैं। अपने अधीनस्थ कांस्टेबल से गवाह की तामील नहीं करवा सके तो सेना की मदद से तामील करावें। सेना की मदद लेने की रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध कराई जाए।
जिसेक बाद महाजन पुलिस थाने के एसएचओ ने कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दिया और कहा कि भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं की जाएगी। इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
When the witness policeman was not found, the court said - take the help of the army, read the news
 
Bikaner. The court expressed strong displeasure when the warrant was not served to the witness in the murder case and told the SHO that if the witness is not found, then take the help of the army. Actually the matter is related to the murder of Rakesh Jat in January 2023 in Rambagh area of ​​​​Mahajan. In this case, a constable Poonamchand of Thon is a witness
 
When he did not appear in the court, the court issued his bailable warrant on June 5. He was summoned on 29-30 July. But, on the date of hearing, neither the warrant was returned unserved nor was he brought without serving. Angered by this, the presiding officer of the court on August 12 reprimanded the SHO of Mahajan police station and sought an explanation.
 
The court said that the SHO is indifferent to his duty and is incapable of working. If you cannot get the witness served by your subordinate constable, then get it served with the help of the army. The report of taking the help of the army should be made available to the court.
 
After which the SHO of Mahajan police station gave his explanation in the court and said that such negligence will not be repeated in future. This will be taken care of completely.