पैसा कमाने होली के रंगों में हो रहा मार्बल स्लरी का इस्तेमाल, सावधान रहें नहीं तो खराब हो जाएगा चेहरा

पैसा कमाने होली के रंगों में हो रहा मार्बल स्लरी का इस्तेमाल, सावधान रहें नहीं तो खराब हो जाएगा चेहरा

पैसा कमाने होली के रंगों में हो रहा मार्बल स्लरी का इस्तेमाल, सावधान रहें नहीं तो खराब हो जाएगा चेहरा

अगर आप होली खेलने के लिए बाजार से रंग और गुलाल ले रहे हैं। तो सावधान रहें। कहीं आपके द्वारा लिया जा रहा रंग केमिकल और मार्बल स्लरी से बना तो नहीं है। अन्यथा पैसा खर्च करने के बाद भी आपका चेहरा बिगाड़ देगा। मार्बल के चूरे से बनने वाला कलर सस्ता बन जाता है, इसी कारण दुकानदार अच्छा मुनाफा कमाने के चक्कर में इसे बेचते हैं।


जमकर उड़ेगा रंग गुलाल
होली के 2 दिन शेष बचे हैं। राजस्थान में केवल घरों में ही नहीं बल्कि अन्य भी कई होटल और रिसॉर्ट पर भी होली के कार्यक्रम होते हैं। जहां लोग जमकर गुलाल उड़ाते हैं। लेकिन इस बार मार्केट में ऐसा गुलाल बिक रहा है जो कई तरीके के केमिकल और फैक्ट्री से निकलने वाले मार्बल्स स्लरी से बना हुआ है।

रिएक्शन करेगा ये रंग
यदि इस कलर से हम होली खेलते हैं तो इसके रिएक्शन से या तो हमारे शरीर पर दाद होंगे या फिर खुजली की समस्या शुरू हो जाएगी। इस गुलाल को बनाने के लिए मार्बल स्लरी को इसलिए उपयोग में लाया जा रहा है क्योंकि यह अरारोट की तुलना में कम रुपए का होता है।

रंगोली और पेंट में होता उपयोग
हालांकि मार्बल स्लरी से बनने वाला कलर कोई गैर कानूनी नहीं है। क्योंकि इसका उपयोग आज भी रंगोली बनाने या कोई बड़ी पेंटिंग बनाने के लिए किया जाता है। कई तरह के केमिकल मिक्स होने के चलते उसका कलर भी बेहद आकर्षित होता है। और अरारोट के अलावा अन्य मिश्रण मिले होने के कारण यह लंबे समय तक अपनी जगह भी नहीं छोड़ते।


5 हजार टन तैयार होगा गुलाल
यदि बात की जाए पूरे राजस्थान की तो यहां होली के दौरान करीब 5 हजार टन गुलाल तैयार किया जाता है। इसकी सप्लाई अन्य प्रदेशों में नहीं होकर केवल राजस्थान में ही होती है। राजस्थान में तैयार हुए गुलाल की कीमत 75 से 80 रुपए किलो होती है। वही केमिकल से गुलाल को तैयार किया जाता है तो उसकी लागत केवल 7 से 8 रुपए प्रति किलो होती है।

Marble slurry is being used in Holi colors to earn money, be careful otherwise your face will get spoiled.

If you are buying colors and gulal from the market to play Holi. so be careful. Is the color you are buying made from chemicals and marble slurry? Otherwise, even after spending money, it will spoil your face. The color made from marble powder becomes cheap, that is why shopkeepers sell it in order to earn good profits.


color gulal will fly wildly
There are 2 days left for Holi. In Rajasthan, Holi programs are organized not only in homes but also at many other hotels and resorts. Where people blow gulal vigorously. But this time, such gulal is being sold in the market which is made from various types of chemicals and marbles slurry coming out from the factory.

This color will react
If we play Holi with this color then due to its reaction we will either get ringworm on our body or the problem of itching will start. Marble slurry is being used to make this gulal because it costs less than arrowroot.

Used in rangoli and paint
However, the color made from marble slurry is not illegal. Because it is still used for making rangoli or making any big painting. Due to the presence of many types of chemicals mixed in it, its color is also very attractive. And due to the presence of other mixtures besides arrowroot, it does not leave its place for a long time.


5 thousand tons of gulal will be ready
If we talk about entire Rajasthan, then about 5 thousand tonnes of gulal is prepared here during Holi. It is not supplied in other states but only in Rajasthan. The price of Gulal prepared in Rajasthan is Rs 75 to Rs 80 per kg. If Gulal is prepared from the same chemical then its cost is only Rs 7 to 8 per kg.