हथकरघा दिवस 2025: पारंपरिक कला और आत्मनिर्भरता का संदेश लेकर आया क्राफ्टी बेली कार्यक्रम
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2025 पर बीकानेर के क्राफ्टी बेली द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महिला दस्तकारों के हुनर और पारंपरिक कढ़ाई-बुनाई की विरासत को उत्सव के रूप में मनाया गया।

हथकरघा दिवस 2025: पारंपरिक कला और आत्मनिर्भरता का संदेश लेकर आया क्राफ्टी बेली कार्यक्रम
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2025: क्राफ्टी बेली ने मनाया महिला सशक्तिकरण और पारंपरिक हस्तशिल्प का उत्सव
बीकानेर – राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर बीकानेर स्थित क्राफ्टी बेली संस्था द्वारा ग्रामीण महिला दस्तकारों के पारंपरिक हुनर और आत्मनिर्भरता को समर्पित एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में लोककला, पारंपरिक कढ़ाई, ब्लॉक प्रिंटिंग, शिबोरी, ऐप्लिक वर्क और हैंडलूम वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई।
महिलाओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर और अपने हस्तशिल्प की कला को प्रदर्शित कर एकता और सशक्तिकरण का संदेश दिया। कार्यक्रम में मौजूद फैशन डिज़ाइनर नीलोफर ख़ान ने कहा कि “हथकरघा सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि यह एक संस्कृति, एक कहानी और एक दस्तकार की आत्मा का प्रतीक है।”
क्राफ्टी बेली के मोहसिन ख़ान मांगलिया ने बताया कि संस्था का उद्देश्य पारंपरिक कढ़ाई-बुनाई को बढ़ावा देना और ग्रामीण महिलाओं को एक मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपने हुनर के दम पर आत्मनिर्भर बन सकें।
यह आयोजन केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने और महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने की प्रेरक पहल था।