पिता की कैंसर से मौत, मां ने मनरेगा में मजदूरी करके पढ़ाया, अब बेटा बना बड़ा अफसर

पिता की कैंसर से मौत, मां ने मनरेगा में मजदूरी करके पढ़ाया, अब बेटा बना बड़ा अफसर

पिता की कैंसर से मौत, मां ने मनरेगा में मजदूरी करके पढ़ाया, अब बेटा बना बड़ा अफसर

शुभम नरवाल, यह नाम सोशल मीडिया में काफी ज्यादा चर्चा में है। क्योंकि हाल ही में इसका नेवी में ऑफिसर के पद पर चयन हुआ है। अब इसका नाम सोशल मीडिया पर चर्चा में इसलिए है क्योंकि जिन हालातों में प्रयास करके यह ऑफिसर बना है उनमें लोग ठीक से जी भी नहीं सकते हैं।

फौज में जाने का था सपना...लेकिन पिता की हो गई मौत
शुभम मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू जिले की खेतड़ी तहसील के बाडलावास गांव के रहने वाले हैं। जिसके पिता की 2015 में कैंसर की वजह से मौत हो गई थी। उस दौरान शुभम 5वीं कक्षा में पढ़ रहा था। इसका हमेशा से मन फौज में नौकरी करने का था। उसने एनडीए की तैयारी करनी थी। आखिरकार घरवालों से जिद करके शुभम ने घर से करीब 15 किलोमीटर दूर इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन लिया।

मां ने मनरेगा में मजदूरी करके बेटे को पढ़ाया...
शुभम की मां ने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए न केवल खेतों में काम किया बल्कि मनरेगा में जाकर मजदूरी में की लेकिन अपने बेटे को पढ़ाया। बेटा शुभम एनडीए की कोचिंग करने चंडीगढ़ गया लेकिन फीस के 3 हजार रूपए नहीं होने के चलते वह घर आ गया।

यूट्यूब पर वीडियो देखकर की पढ़ाई...
शुभम ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर तैयारी करना शुरू कर दिया। आखिरकार उसे सफलता भी मिल गई। अब शुभम की सफलता की कहानी को रिटायर्ड मेजर जनरल ने अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया है। जिसके बाद से लगातार शुभम के संघर्ष की चर्चाएं हैं।

Father died of cancer, mother taught by working as a laborer in MNREGA, now son becomes a big officer

Shubham Narwal, this name is much discussed in social media. Because recently he has been selected for the post of officer in the Navy. Now his name is being discussed on social media because people cannot even live properly in the circumstances in which he has made efforts to become an officer.

I had a dream to join the army...but my father died.
Shubham is originally a resident of Badlawas village of Khetri tehsil of Jhunjhunu district of Rajasthan. Whose father died due to cancer in 2015. During that time Shubham was studying in 5th class. He always wanted to work in the army. He had to prepare for NDA. Ultimately, after insisting on his family, Shubham took admission in English Medium School, about 15 kilometers away from home.

Mother taught her son by working as a laborer in MNREGA...
To educate her son, Shubham's mother not only worked in the fields but also went to MNREGA and worked as a laborer to educate her son. Son Shubham went to Chandigarh for NDA coaching but came back home due to lack of Rs 3,000 as fees.

Study by watching videos on YouTube...
Shubham started preparing by watching videos on YouTube. Ultimately he also got success. Now the retired Major General has also uploaded Shubham's success story on his YouTube channel. After which there are continuous discussions about Shubham's struggle.