किसानों की एक जिद के कारण आत्माओं को नहीं मिल रही मुक्ति, मौत के बाद भी आत्मा भटक रही?

एक तरफ देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है। वहीं दूसरी ओर राजस्थान से सटी पंजाब हरियाणा सीमा पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। जिसके चलते कई ट्रेनों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। आलम यह है कि लोग आंदोलन के कारण अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं कर पा रहे हैं।

किसानों की एक जिद के कारण आत्माओं को नहीं मिल रही मुक्ति, मौत के बाद भी आत्मा भटक रही?

किसानों की एक जिद के कारण आत्माओं को नहीं मिल रही मुक्ति, मौत के बाद भी आत्मा भटक रही?

भले ही देश में लोकसभा चुनाव का माहौल अभी भी है। देश के कई राज्यों में लोकसभा सीटों के लिए अलग-अलग चरण में मतदान हो रहा है। लेकिन राजस्थान से सटी पंजाब हरियाणा सीमा पर किसान आंदोलन जारी रहने के चलते कई ट्रेनों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। जिसके चलते कई लोगों के जरूरी काम भी अटक जा रहे हैं।

आंदोलन के कारण अस्थियां गंगा में नहीं हो पा रहीं प्रवाहित
बात करें यदि राजस्थान की तो यहां बाड़मेर से चलकर जोधपुर होते हुए ऋषिकेश हरिद्वार ट्रेन किसान आंदोलन के चलते पिछले 25 दिन से हरिद्वार नहीं जा पा रही है। ऐसे में जहां यात्री तो परेशान हो ही रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कई लोगों की अस्थियां भी गंगा में प्रवाहित नहीं हो पा रही हैं। हालांकि कुछ लोग तो अपने खर्चे पर इन्हें गंगा में प्रवाहित करने के लिए जाते हैं लेकिन सबके लिए यह कर पाना संभव नहीं है।

600 लोगों की हस्तियां हो चुकी एकत्रित
ऐसे लोगों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने का काम पिछले 2 साल से हिंदू सेवा मंडल कर रहा है। लेकिन वर्तमान में ट्रेन का संचालन नहीं होने के चलते उनके पास 600 लोगों की हस्तियां एकत्रित हो गई है। इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त अन्य भी कई अस्तियों के कलश शमशान में रखे हुए हैं।

अब जुलाई में एक साथ होगा 1100 अस्तियों का विसर्जन
सेवा मंडल से जुड़े लोगों का कहना है कि अभी लगता नहीं है कि इस महीने यह आंदोलन खत्म होगा। अब यदि आगामी जून में भी यह आंदोलन खत्म होता है और ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से होता है तो भी जुलाई में वह एक साथ जाकर 1100 अस्तियों का विसर्जन करेंगे....

Due to the stubbornness of the farmers, the souls are not getting salvation, are the souls wandering even after death?

Even though there is still an atmosphere of Lok Sabha elections in the country. Voting for Lok Sabha seats is taking place in different phases in many states of the country. But due to the ongoing farmers' agitation on the Punjab-Haryana border adjoining Rajasthan, many trains are being affected. Due to which the important work of many people is also getting stuck.

Due to the movement the ashes are not able to flow into the Ganga.
If we talk about Rajasthan, the Rishikesh Haridwar train running from Barmer via Jodhpur is not able to go to Haridwar for the last 25 days due to the farmers' movement. In such a situation, while the passengers are facing problems, on the other hand, the ashes of many people are also not able to flow into the Ganga. Although some people go to flow them into the Ganga at their own expense, it is not possible for everyone to do this.

Celebrities of 600 people have gathered
Hindu Seva Mandal has been doing the work of immersing the ashes of such people in the Ganga for the last two years. But at present, due to non-operation of the train, the personalities of 600 people have gathered with him. Not only this, many other urns of ashes are also kept in the crematorium.

Now 1100 ashes will be immersed simultaneously in July
People associated with Seva Mandal say that it does not seem that this movement will end this month. Now even if this movement ends in the coming June and trains operate smoothly, then in July they will go together and immerse 1100 ashes....