बीकानेर स्थापना दिवस पर धर्म स्थलों से उठी आवाज: नहीं सहेंगे बाल विवाह
अक्षय तृतीया व बीकानेर स्थापना दिवस पर Access to Justice परियोजना के अंतर्गत सभी धर्मगुरुओं ने बाल विवाह रोकने का संकल्प लिया। बीकानेर को बाल विवाह मुक्त बनाने की पहल शुरू।

अक्षय तृतीया और बीकानेर स्थापना दिवस पर धर्मगुरुओं का संकल्प – बाल विवाह मुक्त हो भारत
बीकानेर,
अक्षय तृतीया और बीकानेर स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर राजस्थान महिला कल्याण मंडल शाखा बीकानेर द्वारा जिलेभर में एक विशेष जनजागरण मुहिम चलाई गई, जिसका उद्देश्य था — बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण।
एक्सेस टू जस्टिस परियोजना के अंतर्गत, संस्था निदेशक राकेश कोशिक के मार्गदर्शन और जिला समन्वयक अमित कुमार की निगरानी में यह जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान बीकानेर के प्रमुख मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मदरसे में धर्मगुरुओं के माध्यम से समाज को बाल विवाह के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया गया।
इस मुहिम के अंतर्गत:
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करणी माता मंदिर, वैष्णो धाम, सीताराम मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर
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गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार लालगढ़, गुरुद्वारा सिंह सभा रानी बाजार
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मदीना मस्जिद, मदरसा सुलेमानी रहमान सहित अनेक धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
सभी धर्मगुरुओं का साझा संकल्प
कार्यक्रम के दौरान मौलवी मोहम्मद कासिम, मौलाना जहीर हसन, गुरुद्वारा अध्यक्ष सुखदेव सिंह, प्रताप सिंह, पंडित भवानी शंकर, पंडित मनोज कुमार जैसे धर्मगुरुओं ने स्पष्ट रूप से शपथ ली —
“हम न कभी बाल विवाह करवाएंगे, न ही किसी को ऐसा करने देंगे। बीकानेर से शुरू होकर, भारत को बाल विवाह मुक्त बनाएंगे।”
समर्पित टीम की भूमिका
इस मुहिम को सफल बनाने में संस्था की टीम के सदस्य –
रेड एंड रेस्क्यू कोऑर्डिनेटर बाबूलाल इनखिया, काउंसलर पिंकी जनागल, फील्ड कोऑर्डिनेटर अनसूइया चारण, जिला प्रशासन एवं स्थानीय समुदाय की भी अहम भूमिका रही।