राजस्थान स्थापना दिवस: विरासत और संस्कृति का पर्व पर होगी संगोष्ठी

राजस्थान स्थापना दिवस: विरासत और संस्कृति का पर्व पर होगी संगोष्ठी
बीकानेर, 28 मार्च: राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को समर्पित राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ द्वारा 30 मार्च को भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
समारोह की विशेषताएं
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स्थान: संस्कृति सभागार
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समय: प्रातः 11 बजे
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आयोजन अध्यक्ष: प्रख्यात कथाकार-समालोचक डॉ. चेतन स्वामी
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मुख्य अतिथि: उपखंड अधिकारी उमा मित्तल
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विशिष्ट अतिथि: शिक्षाविद साहित्यकार श्री गिरधरदान रतनू
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मुख्य वक्ता: कवि, शिक्षाविद और चिंतक डॉ. सुरेन्द्र सोनी (चूरू)
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क्या होगा खास?
संस्था के संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि यह संगोष्ठी राजस्थान की विरासत, संस्कृति, लोक कलाएं, सामाजिक मूल्य और ऐतिहासिक परंपराओं पर केंद्रित होगी।
संयोजक कवयित्री भगवती पारीक ‘मनु’ ने जानकारी दी कि विद्वान वक्ता राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं पर विमर्श करेंगे।
संस्था की भूमिका
संस्था के मंत्री साहित्यकार रवि पुरोहित ने बताया कि राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति लंबे समय से साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने में सक्रिय है। यह आयोजन संस्कृति प्रेमियों और साहित्यकारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
राजस्थान दिवस क्यों है खास?
30 मार्च 1949 को राजस्थान का गठन हुआ था। इसकी संस्कृति, लोक कला, स्थापत्य कला, और परंपराएं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इस अवसर पर राजस्थान की विरासत का सम्मान करना और संस्कृति का उत्सव मनाना हर नागरिक का कर्तव्य है।
यदि आप राजस्थान की समृद्ध विरासत को करीब से जानना चाहते हैं, तो इस संगोष्ठी में अवश्य शामिल हों।
जय राजस्थान! जय संस्कृति!