एनजीओ की आड़ में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त, बड़ा खुलासा, चार गिरफ्तार

जयपुर के बस्सी क्षेत्र में एनजीओ की आड़ में नाबालिग लड़कियों की तस्करी और अवैध शादियों का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानिए कैसे चलता था यह गोरखधंधा।

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एनजीओ की आड़ में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त, बड़ा खुलासा, चार गिरफ्तार
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एनजीओ की आड़ में नाबालिग लड़कियों की तस्करी, अवैध शादियों के बदले मोटी रकम वसूलती थी महिला, जयपुर में बड़ा खुलासा

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के बस्सी थाना क्षेत्र में एनजीओ की आड़ में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त और अवैध शादियों का बड़ा मामला सामने आया है। आईपीएस तेजस्वनी गौतम के निर्देशन में बस्सी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है जो मुख्य सरगना बताई जा रही है।

गिरफ्तार आरोपियों में गायत्री विश्वकर्मा, भगवानदास मेघवंशी, महेंद्र मेघवंशी और हनुमान सिंह गुर्जर शामिल हैं। मुख्य आरोपी 52 वर्षीय गायत्री ने "सर्वसमाज गायत्री फाउंडेशन" नाम से एनजीओ पंजीकृत कर रखा था, जिसके जरिए बिहार, बंगाल और उत्तरप्रदेश से गरीब परिवारों की नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर जयपुर लाया जाता था।

सूत्रों के अनुसार, इन लड़कियों के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर उन्हें अवैध रूप से विवाह के लिए मोटी रकम लेकर बेच दिया जाता था। जो लड़कियां विरोध करती थीं, उन्हें गुंडों से पिटवाया जाता और धमकाया जाता। साथ ही उन्हें डेरे से बाहर जाने नहीं दिया जाता था।

गायत्री पहले कानोता इलाके में यह गोरखधंधा करती थी, लेकिन वहां केस दर्ज होने पर बस्सी शिफ्ट हो गई। पुलिस को सूचना मिली तो उपयुक्त योजना के तहत रेड की गई और कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए गए।

एफआईआर जीरो नंबर पर दर्ज कर उत्तरप्रदेश पुलिस को ट्रांसफर की गई है। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच कर रही है।

यह मामला राजस्थान में नारी सुरक्षा और बाल अधिकारों की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है। यह साबित करता है कि एनजीओ की आड़ में अपराध किस हद तक फैले हुए हैं।