बीकानेर के निजी अस्पतालों की अवैध पार्किंग: जनता परेशान, प्रशासन मौन
बीकानेर के निजी अस्पताल अवैध पार्किंग और नियमों की अनदेखी से जनता को कर रहे परेशान। प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल।

बीकानेर के निजी अस्पतालों की अवैध पार्किंग: जनता परेशान, प्रशासन मौन
बीकानेर। बीकानेर शहर में निजी अस्पतालों की अव्यवस्थित और अवैध पार्किंग व्यवस्था से आमजन परेशान हैं। अंबेडकर सर्किल से कलेक्टर ऑफिस तक की सड़क हो या मेडिकल कॉलेज चौराहा — कई अस्पतालों ने सड़क को ही पार्किंग बना रखा है। मरीजों और परिजनों को अस्पताल के गार्ड खुलेआम यह कहते नजर आते हैं कि “बाइक सड़क पर पार्क करो।”
मारवाड़ हॉस्पिटल और बीकानेर हार्ट हॉस्पिटल जैसे बड़े संस्थान भी इस समस्या में शामिल बताए जा रहे हैं। इसके चलते आए दिन जाम, दुर्घटनाएं और पैदल चलने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कानून और नियम क्या कहते हैं?
नगर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के बिल्डिंग बाय लॉज़ के अनुसार किसी भी निजी अस्पताल को निर्माण अनुमति तभी मिलती है जब वह अपने परिसर में पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था दिखाए। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना पार्किंग वाले अस्पतालों का संचालन कैसे हो रहा है?
प्रशासन क्यों है मौन?
पूर्व संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के कार्यकाल में इस मुद्दे पर कार्रवाई भी हुई थी। मारवाड़ हॉस्पिटल को निर्देश दिए गए थे कि निजी पार्किंग व्यवस्था की जाए। लेकिन अब वही समस्या फिर लौट आई है। न तो नगर निगम और न ही CMHO की ओर से कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
जनता सवाल पूछ रही है –
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क्या अस्पतालों ने बिल्डिंग प्लान में पार्किंग दिखाई थी?
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यदि हां, तो वह पार्किंग आज कहां है?
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क्या नियम तोड़ने वाले अस्पतालों का लाइसेंस वैध है?
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और आखिर प्रशासन कब तक मौन रहेगा?
जनता का अधिकार
जब लोग अपनी गाढ़ी कमाई अस्पतालों में खर्च करते हैं, तो उन्हें सुरक्षा और सुविधाएं मिलना उनका अधिकार है। साफ पानी, शौचालय, प्रतीक्षा कक्ष और उचित पार्किंग व्यवस्था हर अस्पताल की जिम्मेदारी है।
अब वक्त आ गया है कि प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन दोनों इस मुद्दे पर गंभीरता से कदम उठाएं। वरना जनता अपनी आवाज उठाएगी और जवाबदेही तय करनी होगी।
यदि आपके पास किसी अस्पताल से जुड़ी जानकारी है, तो हमें भेजें।
हम आपकी आवाज़ को सामने लाएंगे।