बीकानेर: बाल संस्कार शिविर का समापन, बच्चों ने सीखे जीवन के मूल्य और नैतिक शिक्षा

बीकानेर में भारत विकास परिषद बीकाणा इकाई द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बाल संस्कार शिविर का समापन हुआ। बच्चों ने नैतिक शिक्षा, जीवन मूल्य और मोबाइल के सही उपयोग की सीख ली।

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बीकानेर: बाल संस्कार शिविर का समापन, बच्चों ने सीखे जीवन के मूल्य और नैतिक शिक्षा
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बीकानेर: बाल संस्कार शिविर का समापन, बच्चों ने सीखे जीवन के मूल्य और नैतिक शिक्षा

बीकानेर। भारत विकास परिषद, बीकाणा इकाई द्वारा मुरलीधर व्यास कॉलोनी में आयोजित तीन दिवसीय बाल संस्कार शिविर का समापन हो गया। इस शिविर का आयोजन परिषद के 63वें स्थापना दिवस (62वीं वर्षगांठ) के अवसर पर किया गया।

कार्यक्रम में अध्यक्ष नरेश खत्री (छाबड़ा) ने कहा कि बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए पोषण, शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद और सकारात्मक मानसिक वातावरण बेहद जरूरी है। उन्होंने माता-पिता से बच्चों को भावनात्मक सहयोग और सुरक्षित माहौल देने की अपील की।

शिविर में नैतिक शिक्षा और संस्कारों की शिक्षा

शिविर संजोयिका समाजसेविका राजकुमारी व्यास ने कठपुतली खेल के माध्यम से बच्चों को नैतिकता और मोबाइल के सदुपयोग और दुरुपयोग के बारे में बताया।

पर्यावरण संयोजक कौशलेश गोस्वामी ने बच्चों को नशा मुक्ति की शपथ दिलवाई और श्रेष्ठ नागरिक बनने का संकल्प करवाया।

महिला सहसंयोजिका श्वेता खत्री ने बच्चों को आशीर्वचन देकर प्रेरित किया।

प्रेरक कहानियों और जीवन मूल्यों की समझ

अंतिम दिन पूरू शर्मा, पंकज कच्छावा, दक्षित आचार्य और अंशुमान चूरा ने बच्चों को प्रेरक और शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाईं।

लक्षिता अग्रवाल, वेदांगना, गिरिशा छाबड़ा, रिधिमा व्यास, अवनि अग्रवाल, कंजिका चूरा और देवांशी ने मोबाइल के सही और गलत उपयोग के बारे में जानकारी ली।

कोमलदीप, खुशबू ओझा, गिरीशा छाबड़ा, अवनी और मनन ने जीवन मूल्यों की शिक्षा ग्रहण की।

वंश व्यास, जिज्ञानसु व्यास, देवांश अग्रवाल, केशव रंगा और श्रेयांश अग्रवाल ने शिक्षा के महत्व को समझा।

राहुल, राम, जयंत और धवल ने खेलकूद के महत्व और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में सीखा।

कार्यक्रम में कोमलदीप और खुशबू ओझा ने अतिथियों का तिलक कर स्वागत किया।

शिविर में बच्चों ने ज्ञान और संस्कार के साथ जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ली, जिससे भविष्य में वे समाज के सशक्त और जागरूक नागरिक बन सकें।