सिर्फ 17 मिनट में हो गईं दो शादी: 2 बहने बनी दुल्हन, ना खाना-ना पीना और ना दहेज गिफ्ट
सिर्फ 17 मिनट में हो गईं दो शादी: 2 बहने बनी दुल्हन, ना खाना-ना पीना और ना दहेज गिफ्ट
राजस्थान में शादियों का भी अपना ही एक मजा है। कभी मायरा भरने के लिए करोड़ों रुपए लगा दिए जाते हैं , तो कभी एक रुपए लेकर बिना दहेज के शादी की जाती है । लेकिन शादियों में बड़ी संख्या में मेहमान जरूर पहुंचते हैं । इस बीच राजस्थान के दौसा जिले में एक शादी ऐसी हुई है , जिसमें दो बहनों की बारात में सिर्फ 50 मेहमान शामिल हुए हैं। ना तो अग्नि के फेरे लगाए गए और ना ही दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर, शेरवानी पहन कर आया। उसके बावजूद भी सिर्फ 17 मिनट में ही शादी संपन्न हो गई । जबकि दो दूल्हा में से एक दूल्हा सरकारी शिक्षक है।
दुल्हन के पिता हैं संत रामपाल महाराज के भक्त
दरअसल, सिकराय कस्बे के रहने वाले महेश योगी संत रामपाल महाराज के अनुयायी हैं। उनकी बेटी निशा और हिना के लिए अलवर जिले के खेडली इलाके में रहने वाले कमल योगी के दो बेटे सचिन और सौरभ का रिश्ता आया। परिवार ने यह रिश्ता आपसी समझ से तय किया और उसके बाद सिकराय में शादी का आयोजन किया गया।
ना खाना-ना दहेज और ना ही गिफ्ट...हो गई शादी
दोनों दूल्हे ना तो बाराती , ना ज्यादा मेहमान और ना ही घोड़ी पर चढ़कर आए, बल्कि दोनों अपने अन्य परिवार के साथ गाड़ियों से दौसा के सिकराय में पहुंचे । वहां निशा और हिना के साथ शादी संपन्न हुई । दोनों कपल को संत रामपाल महाराज के मंत्र और उसके अलावा देवी देवताओं के मंत्र सुनाए गए । फिर बड़े बुजुर्गों ने बच्चों को आशीर्वाद दिया। यह शादी सिर्फ 17 मिनट में संपन्न हो गई । ना तो मेहमानों ने दूल्हा दुल्हन को कोई उपहार दिया और ना ही इस शादी में किसी ने किसी तरह की मिठाई खाई । ना ही दहेज दिया गया। जबकि सौरभ अलवर जिले में ही तिजारा कस्बे में सरकारी शिक्षक है । इस शादी की चर्चा पूरे जिले में हो रही है।
Two marriages took place in just 17 minutes: 2 sisters became brides, no food, no drink and no dowry gift.
Weddings in Rajasthan also have their own fun. Sometimes crores of rupees are spent to fill the marriage, and sometimes marriage is done without dowry by taking just one rupee. But a large number of guests definitely attend weddings. Meanwhile, a wedding took place in Dausa district of Rajasthan, in which only 50 guests attended the wedding procession of two sisters. Neither rounds of fire were made nor did the groom come riding a mare wearing a sherwani. Despite that, the marriage was completed in just 17 minutes. Whereas out of the two grooms, one groom is a government teacher.
The bride's father is a devotee of Sant Rampal Maharaj.
Actually, Mahesh Yogi, resident of Sikrai town, is a follower of Saint Rampal Maharaj. For his daughter Nisha and Hina, came the relation of Sachin and Saurabh, two sons of Kamal Yogi, living in Khedli area of Alwar district. The family decided this relationship with mutual understanding and after that the marriage was organized in Sikrai.
No food, no dowry, no gift...marriage happened
Both the grooms came with neither the wedding procession, nor many guests, nor riding on a mare, rather both of them reached Sikrai in Dausa in vehicles along with their other families. There the marriage took place with Nisha and Hina. Both the couples were recited the mantras of Saint Rampal Maharaj and besides that, mantras of gods and goddesses were recited. Then the elders blessed the children. This marriage was completed in just 17 minutes. Neither the guests gave any gift to the bride and groom nor did anyone eat any kind of sweets in this wedding. Nor was any dowry given. Whereas Saurabh is a government teacher in Tijara town in Alwar district. This marriage is being discussed in the entire district.