बीकानेर में राष्ट्र सेविका समिति का ओजस्वी पथ संचलन, मातृशक्ति ने दिया संगठित भारत का संदेश

बीकानेर में रामनवमी की संध्या पर राष्ट्र सेविका समिति द्वारा विराट पथ संचलन का आयोजन हुआ, जिसमें बहनों ने ओज, तेज और संगठन शक्ति का परिचय देते हुए समाज को सशक्त राष्ट्र निर्माण का संदेश दिया।

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बीकानेर में राष्ट्र सेविका समिति का ओजस्वी पथ संचलन, मातृशक्ति ने दिया संगठित भारत का संदेश
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बीकानेर में राष्ट्र सेविका समिति का ओजस्वी पथ संचलन, मातृशक्ति ने दिया संगठित भारत का संदेश

रामनवमी की संध्या पर बीकानेर में राष्ट्र सेविका समिति का विराट पथ संचलन, बहनों ने दिखाया अद्वितीय उत्साह

बीकानेर। रामनवमी की पावन संध्या (6 अप्रैल 2025) पर बीकानेर महानगर राष्ट्र सेविका समिति द्वारा विराट राष्ट्रोदय पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन महिलाओं की एकता, संगठन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को दर्शाने वाला प्रेरणास्रोत बना।

संचलन से पूर्व खरनाड़ा मैदान में सेविकाओं का एकत्रीकरण हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि के साथ हुआ, जो मौसी जी लक्ष्मीबाई केलकर, सरस्वती ताई आप्टे और देवी अष्टभुजा को समर्पित था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. रुचिका, कार्यक्रम अध्यक्षा श्रीमती ममता रांका और प्रांत शारीरिक प्रमुख माननीय मोनिका माहेश्वरी उपस्थित रहीं।

महानगर सह कार्यवाहिका ने अतिथियों का स्वागत किया और अध्यक्ष महोदया ने बहनों के उत्साह को देखकर कहा कि "समाज की एक नई पौध तैयार हो रही है।"

मुख्य वक्ता मोनिका माहेश्वरी जी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि "नारी तू नारायणी", और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में बेटियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने वीरांगनाओं के उदाहरण देते हुए आह्वान किया कि प्रत्येक नारी को संगठित, समर्थ और सशक्त बनना होगा।

सायं 5:30 बजे, घोष वादन की गूंज के साथ पथ संचलन प्रारंभ हुआ। यह संचलन खरनाड़ा मैदान से शुरू होकर लेडी एल्गिन स्कूल, शार्दुल स्कूल, कोटगेट, सट्टा बाजार, लालजी होटल, हीरालाल मॉल, रानी बाजार चौराहा, अपेक्स हॉस्पिटल, शकुंतला भवन, अंबेडकर सर्किल होते हुए मेडिकल कॉलेज पर समाप्त हुआ।

मार्ग में स्थान-स्थान पर जनसाधारण, संगठनों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा पुष्प वर्षा की गई और 'भारत माता की जय' के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा।

कार्यक्रम में महानगर एवं विभाग कार्यकारिणी की पूर्ण सहभागिता रही। यह आयोजन न केवल संस्कारों, संगठन और आत्मबल का उदाहरण बना, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए राष्ट्र सेवा की प्रेरणा भी साबित हुआ।