आपातकाल की 49 वी बरसी पर संगोष्ठी भाजपा ने काला दिवस के रूप में मनाया
आपातकाल की 49 वी बरसी पर संगोष्ठी भाजपा ने काला दिवस के रूप में मनाया।
भारतीय जनता पार्टी बीकानेर संभाग मुख्यालय पर आज आपातकाल की 49 वी बरसी को भाजपुने काला दिवस के रूप में मनाया इस अवसर पर शहर जिला उपाध्यक्ष गोकुल जोशी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री काशीराम गोदारा मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। इस अवसर पर आपातकाल के संघर्ष के सिपाही जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से आपातकाल का विरोध किया और उस समय की तानाशाह कांग्रेस सरकार का डटकर मुकाबला करने वाले रिखाबदास बोड़ा व मुमताज अली भाटी का सम्मान किया गया।
मुख्य वक्ता काशीराम गोदारा ने बताया 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। आज आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ हैं। इसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र का काला दिन करार दिया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। आपातकाल का काला दिवस हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के उस संविधान को रौंदा, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।
विधायक जेठानंद व्यास ने कहा सत्ता को हासिल करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया। कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया और सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का कोई अधिकार नहीं है।
महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे।
आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करती हूं। आज की संगोष्ठी में पूर्व विधायक बिहारीलाल विश्नोई, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य, पूर्व जिलाध्यक्ष शशि शर्मा, उपमहापौर राजेंद्र पंवार, महामंत्री मोहन सुराना, श्यामसुंदर चौधरी, श्यामसुंदर पंचारिया, उपाध्यक्ष आनंद सिंह भाटी, हनुमान सिंह चावड़ा, जितेंद्र राजवी, मंत्री भारती अरोड़ा, महेश व्यास, जगदीश सोलंकी, कौशल शर्मा, कुणाल कोचर, महावीर चारण, कुमनाथ सिंद्ध, रमजान अब्बासी, चंद्र मोहन जोशी, भंवर जांगिड, सोहनलाल चांवरिया, विक्रम भाटी, वेद व्यास, जसराज सिंवर, देवीलाल मेघवाल, कमल आचार्य, नरसिंह सेवग, विनोद करोल, मुकेश ओझा, चंद्रप्रकाश गहलोत, सुधा आचार्य, राधा खत्री, अनिल हर्ष, धर्मेंद्र सिंह, उमाशंकर सोलंकी, अशोक राजपुरोहित, चतर सिंह, अनूप गहलोत, कमल सैन, राजेश गहलोत, राजकुमार व्यास उपस्थित रहे।
Seminar on 49th anniversary of Emergency, BJP celebrated it as Black Day.
Today, BJP celebrated 49th anniversary of Emergency as Black Day at Bikaner division headquarters. On this occasion, a seminar was organized under the chairmanship of city district vice president Gokul Joshi in which former state minister of BJP Kashiram Godara was the main speaker. On this occasion, soldiers of the struggle of Emergency who directly opposed Emergency and who strongly fought against the dictator Congress government of that time, Rikhabdas Bora and Mumtaz Ali Bhati were honored.
Key speaker Kashiram Godara told that on 25 June 1975, the then Prime Minister Indira Gandhi had imposed Emergency in the country. Today is the 49th anniversary of Emergency. Prime Minister Narendra Modi has called it the Black Day of Democracy. He said that today is the day to pay tribute to all those great men and women who opposed Emergency. The black day of emergency reminds us how the Congress party destroyed fundamental freedoms and trampled the Constitution of India, which every Indian respects very much.
MLA Jethanand Vyas said that in order to gain power, the then Congress government disregarded every democratic principle and turned the country into a prison. Everyone who disagreed with the Congress was tortured. The most vulnerable sections were targeted and socially regressive policies were implemented. He said that those who imposed the emergency have no right to show their love for our constitution.
Mayor Sushila Kanwar Rajpurohit said that the Congress has a long history of killing democracy and repeatedly attacking it. The emergency imposed by the Congress on this day in 1975 is the biggest example of this. The arrogant, autocratic Congress government suspended all kinds of civil rights in the country for 21 months for the sake of power of one family.
I pay my tribute to the struggle of countless Satyagrahis, social workers, workers, farmers, youth and women who protested from Parliament to the streets against the Emergency. In today's seminar, former MLA Biharilal Vishnoi, state executive member Satyaprakash Acharya, former district president Shashi Sharma, deputy mayor Rajendra Panwar, general secretary Mohan Surana, Shyamsundar Chaudhary, Shyamsundar Pancharia, vice president Anand Singh Bhati, Hanuman Singh Chawda, Jitendra Rajvi, minister Bharti Arora, Mahesh Vyas, Jagdish Solanki, Kaushal Sharma, Kunal Kochar, Mahavir Charan, Kumnath Sindh, Ramzan Abbasi, Chandra Mohan Joshi, Bhanwar Jangid, Sohanlal Chawriya, Vikram Bhati, Ved Vyas, Jasraj Sinwar, Devilal Meghwal, Kamal Acharya, Narsingh Sewag, Vinod Karol, Mukesh Ojha, Chandraprakash Gehlot, Sudha Acharya, Radha Khatri, Anil Harsh, Dharmendra Singh, Umashankar Solanki, Ashok Rajpurohit, Chatar Singh, Anoop Gehlot, Kamal Sain, Rajesh Gehlot, Rajkumar Vyas were present.