दूसरों से ईर्ष्या और अति महत्वाकांक्षा बढ़ा रही हार्ट अटैक का खतरा – जयपुर हार्ट रिद्म समिट 2025 में खुलासा

जयपुर हार्ट रिद्म समिट 2025 में विशेषज्ञों ने बताया कि ईर्ष्या, जलन और अति महत्वाकांक्षा दिल की नसों को कमजोर करती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाती है। जानें पूरी जानकारी।

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दूसरों से ईर्ष्या और अति महत्वाकांक्षा बढ़ा रही हार्ट अटैक का खतरा – जयपुर हार्ट रिद्म समिट 2025 में खुलासा
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दूसरों से ईर्ष्या और अति महत्वाकांक्षा दिल को कमजोर बना रही है – जयपुर हार्ट रिद्म समिट 2025

जयपुर। अगर आप दूसरों से जलन, गुस्सा और लगातार तनाव में रहते हैं, तो यह सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि हृदय रोग का बड़ा कारण भी बन सकता है। Eternal Hospital Jaipur में आयोजित जयपुर हार्ट रिद्म समिट (JHRS) 2025 में देशभर के विशेषज्ञों ने चेताया कि ईर्ष्या और अति महत्वाकांक्षा दिल को कमजोर करती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाती है।

कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ और सेक्रेटरी डॉ. कुश कुमार भगत ने बताया कि इस समिट में हार्ट रिद्म डिसऑर्डर, हार्ट फेल्योर, टैकिकार्डिया और नई थैरेपीज पर लेटेस्ट रिसर्च साझा की गई।

बीकानेर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पिंटू नहाटा ने बताया कि ईर्ष्यालु प्रवृत्ति और महत्वाकांक्षा से शरीर में एड्रीजर्निक रिसेप्टर बढ़ जाते हैं। इससे बीपी और हार्ट रेट बढ़ता है, आर्टरी संकुचित होती है और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

डॉ. सुचित मजूमदार ने कहा कि शारीरिक फिटनेस का मतलब हार्ट फिटनेस नहीं होता। यहां तक कि एथलीट्स को भी साल में दो बार ECG और इको जैसी जांच करानी चाहिए, जिससे अचानक होने वाली कार्डियक डेथ को रोका जा सके।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि तनाव, गुस्सा, जलन और प्रतिस्पर्धा की भावना से बचकर ही दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।