'कब तक सहेगा राजस्थान?' इस साल पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुए 1932 केस, सीएम के गृह क्षेत्र सहित 5 जिलों की हालत चिंताजनक
'कब तक सहेगा राजस्थान?' इस साल पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुए 1932 केस, सीएम के गृह क्षेत्र सहित 5 जिलों की हालत चिंताजनक
राजस्थान के जोधपुर में 15 दिन में पांच नाबालिग बच्चियों के साथ ज्यादती की घटना हो या सलूंबर में किशोरी के साथ दरिंदगी का मामला, राजस्थान में बीते दिनों हुई इस तरह की घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार किया है. बेटियों की सुरक्षा को लेकर हर कोई चिंतित हैं. सरकार और पुलिस प्रदेश में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के तमाम दावे कर रही है, लेकिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बेटियों के साथ दरिंदगी की घटना सामने आने के बाद बाद विपक्ष सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है.
इन पांच जिलों में हालात चिंताजनक : दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि इस साल 1 जनवरी से 24 जून तक प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के तहत 1932 मामले दर्ज हुए हैं. साल 2023 में पॉक्सो एक्ट के तहत 4,462 मुकदमें दर्ज हुए थे. राजस्थान सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है. नाबालिग बच्चियों के साथ यौन हिंसा की घटनाओं के सबसे ज्यादा मामले जयपुर में सामने आए हैं. इस साल जयपुर में पॉक्सो अधिनियम के तहत 151 मुकदमें दर्ज हुए हैं. वहीं, अलवर में 121 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह क्षेत्र भरतपुर में 100, नागौर में 97 और कोटा में 85 मुकदमें पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज हुए हैं.
बीते चार साल में यह हैं हालात : राजस्थान में 2021 से 24 जून 2024 तक नाबालिग बच्चियों से ज्यादती के कुल 14,731 मुकदमें दर्ज हुए हैं. इनमें से 10,394 मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है, जबकि 1056 मुकदमों में जांच जारी है. इनमें 884 मामले इसी साल के हैं. प्रदेश में 2021 में पॉक्सो अधिनियम के तहत 3,765, 2022 में 4,470 और 2023 में 4,462 मुकदमें दर्ज हुए थे.
कब तक सहेगा राजस्थान ?: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी कर कहा कि राजस्थान में भाजपा ने महिला सुरक्षा पर 'नहीं सहेगा राजस्थान' कैंपेन चलाया था. प्रधानमंत्री ने तो राजस्थान की तुलना मणिपुर तक से कर दी थी और राजस्थान को बदनाम किया, लेकिन यहां भाजपा सरकार बनने के बाद जून तक पहले छह महीने में राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़े हैं. अब राजस्थान पूछ रहा है कि आखिर भाजपा सरकार के इस कुशासन और महिलाओं के साथ हो रही इस हिंसा को 'कब तक सहेगा राजस्थान?'
घर में दुबक कर बैठ गए भाजपा नेता: प्रदेश में बच्चियों से यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'नहीं सहेगा राजस्थान...' कहने वाले भाजपा नेता घर में दुबक कर बैठ गए हैं. प्रदेश में अपराध चरम पर है और सरकार सरेंडर कर चुकी है. आज प्रदेश में जगह-जगह से बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री एक शब्द नहीं बोल रहे हैं.
राजस्थान को 'रेपिस्तान' बताने वाले आज कहां हैं : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है. ढाई साल, तीन साल और 11 साल की बच्चियों के साथ रेप के मामले हुए हैं. सरकार इस पर अपनी स्थिति क्लियर करें कि प्रदेश में क्या कानून व्यवस्था है. राजस्थान को रेपिस्तान बताने वाले आज कहां जाकर छिप गए हैं. आज कोई बयान क्यों नहीं आ रहा है. आज प्रदेश में महिलाओं, दलितों और नाबालिग बच्चियों पर जिस प्रकार से ज्यादती के मामले हुए हैं, उनको गंभीरता से देखने की जरूरत है. पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था एक दम चौपट हो चुकी है.
सरकार अपराध के खिलाफ कठोर : महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी के सवाल पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म का कहना है कि राजस्थान की सरकार अपराधों के खिलाफ कठोर है. सरकार दृढ़ संकल्पित है कि हम अपराधमुक्त राजस्थान बनाने का काम करेंगे और उस पर काम शुरू कर दिया है.
'How long will Rajasthan tolerate this?' 1932 cases registered under POCSO Act this year, condition of 5 districts including CM's home area is worrying
Whether it is the incident of atrocities against five minor girls in 15 days in Jodhpur, Rajasthan or the case of brutality with a teenager in Salumbhar, such incidents in Rajasthan in the past few days have shamed the state. Everyone is worried about the safety of daughters. The government and the police are making many claims of the safety of women and daughters in the state, but after the incidents of brutality with daughters in different areas of the state have come to light, the opposition is raising questions on the working style of the government and the police.
Worrying situation in these five districts: In fact, the figures show that from January 1 to June 24 this year, 1932 cases have been registered in the state under the POCSO Act. In the year 2023, 4,462 cases were registered under the POCSO Act. The Rajasthan government has given this information in response to a question in the assembly. The highest number of cases of sexual violence against minor girls have been reported in Jaipur. This year 151 cases have been registered in Jaipur under the POCSO Act. At the same time, 121 cases have been registered in Alwar under the POCSO Act. 100 cases have been registered in Bharatpur, the home area of Chief Minister Bhajanlal Sharma, 97 in Nagaur and 85 in Kota under the POCSO Act.
This is the situation in the last four years: A total of 14,731 cases of atrocities against minor girls have been registered in Rajasthan from 2021 to 24 June 2024. Out of these, the police have presented the challan against the accused in 10,394 cases in the court, while investigation is going on in 1056 cases. Of these, 884 cases are from this year itself. In the state, 3,765 cases were registered under the POCSO Act in 2021, 4,470 in 2022 and 4,462 in 2023.
How long will Rajasthan tolerate this?: Former Chief Minister Ashok Gehlot issued a statement saying that the BJP had run a 'Rajasthan will not tolerate this' campaign on women's safety in Rajasthan. The Prime Minister even compared Rajasthan to Manipur and defamed Rajasthan, but after the formation of the BJP government here, crimes against women have increased continuously in Rajasthan in the first six months till June. Now Rajasthan is asking 'how long will Rajasthan tolerate this misrule of the BJP government and this violence against women?'
BJP leaders hid in their homes: On the increasing incidents of sexual violence against girls in the state, Congress State President Govind Singh Dotasara said that the BJP leaders who said 'Rajasthan will not tolerate this...' have now hidden in their homes. Crime is at its peak in the state and the government has surrendered. Today, incidents of rape of girls are coming to light from various places in the state, but the Chief Minister is not saying a word.
Where are those who call Rajasthan 'Rapistan' today: Leader of Opposition Tikaram Julie says that the law and order situation in Rajasthan has deteriorated. There have been cases of rape of girls of two and a half years, three years and 11 years. The government should clarify its position on the law and order situation in the state. Where have those who call Rajasthan Rapistan gone and hidden today? Why is no statement coming today? The way cases of atrocities on women, Dalits and minor girls have happened in the state today, they need to be looked into seriously. The law and order situation in the entire state has completely collapsed.
The government is strict against crime: On the question of continuous increase in incidents of rape of women and girls, Minister of State for Home Jawahar Singh Bedham says that the Rajasthan government is strict against crime. The government is determined that we will work to make Rajasthan crime-free and has started working on it.