राजस्थानी भाषा को लेकर सरकार सुस्त, भामाशाह दुरुस्त: चलकोई फाउंडेशन ने बढ़ाया विद्यार्थियों का हौसला
राजस्थानी भाषा के लिए चलकोई फाउंडेशन और गंगा मिशन ट्रस्ट कर रहे अनोखा कार्य। एमए करने वाले छात्रों की फीस फाउंडेशन द्वारा वहन की जा रही है। आवेदन की अंतिम तारीख 25 जुलाई 2025।

राजस्थानी भाषा को लेकर सरकार सुस्त, भामाशाह दुरुस्त: चलकोई फाउंडेशन ने बढ़ाया विद्यार्थियों का हौसला
MyCityDilSe | बीकानेर | 22 जुलाई 2025
राजस्थानी भाषा के संवर्द्धन और उन्नयन की दिशा में जहां सरकार की नीतियों में शिथिलता देखी जा रही है, वहीं निजी संस्थाएं इस दिशा में सशक्त भूमिका निभा रही हैं। बीते वर्ष चलकोई फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक प्रेरणादायक मुहिम के अंतर्गत, राजस्थान में नियमित रूप से एम.ए. राजस्थानी विषय में पढ़ने वाले छात्रों की विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में लगने वाली फीस पूरी तरह से फाउंडेशन द्वारा जमा करवाई गई।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के स्ववित्तपोषित राजस्थानी विभाग में हर वर्ष 40 सीटों पर प्रवेश होता है। पिछले वर्ष चलकोई फाउंडेशन की पहल पर छात्रों में भारी रुझान देखने को मिला। 100 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया, जिनमें से मेरिट अनुसार 40 छात्रों का चयन हुआ और उनकी पूरी फीस फाउंडेशन ने वहन की।
युवा समिति के रामावतार उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष भी यही प्रक्रिया दोहराई जाएगी। इच्छुक विद्यार्थी 25 जुलाई 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। मेरिट आधार पर 40 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।
इसी कड़ी में गंगा मिशन चेरिटेबल ट्रस्ट, कोलकाता भी पिछले 4 वर्षों से एम.ए. फाइनल वर्ष के छात्रों को छात्रवृत्ति दे रहा है। हिमांशु टाक, राजस्थानी मोटयार परिषद बीकानेर के प्रतिनिधि ने इन प्रयासों पर आभार जताया और कहा कि जब सरकारें निष्क्रिय हैं, तब समाज के भामाशाह ही राजस्थानी भाषा को जीवित रखे हुए हैं।