मेघवाल समेत गजेंद्र सिंह शेखावत को क्यों मिल सकता है मोदी कैबिनेट में जगह, रेस में इन चार नामों की भी चर्चा
मेघवाल समेत गजेंद्र सिंह शेखावत को क्यों मिल सकता है मोदी कैबिनेट में जगह, रेस में इन चार नामों की भी चर्चा
राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है. यहां 25 लोकसभा सीटों वाली राजस्थान में 11 सीटों पर हार मिलने के बाद से प्रदेश की राजनीति से लेकर केंद्र की सियासत तक बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान में जातीय समीकरण में बीजेपी को घाटा हुआ है. चुनाव के दौरान कुछ ऐसी बयानबाजी हुई जिससे कुछ कोर वोटरों में नाराजगी बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हुई है. ऐसे में अब सभी की नजर कैबिनेट गठन पर टिकी है. माना जा रहा है कि सीटों के हिसाब से राजस्थान से मंत्रियों की संख्या घटेगी. इसके साथ केंद्र में गठबंधन की सरकार होने से भी मंत्रियों की संख्या पर असर पड़ेगा. वहीं आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है.
हालांकि, इसके बावजूद राजस्थान से दो सांसदों का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है. इसमें टॉप पर अर्जुन मेघवाल का नाम है. जबकि इसके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर मुहर लगना तय माना जा रहा है. हालांकि, इसके अलावा चार ऐसे नाम है जिन पर विचार किया जा सकता है.
अर्जुन मेघवाल क्यों बनेंगे मंत्री
अर्जुन मेघवाल राजस्थान की राजनीति और केंद्र की राजनीति में बड़ा चेहरा है. वह पीएम मोदी के करीबी में से एक हैं.वहीं राजस्थान की राजनीति की बात करें तो वह मारवाड़-नहरी क्षेत्र के अकेले प्रमुख दलित चेहरा हैं. इसके अलावा मेघवाल के विरोधी भी कम है. वहीं बीजेपी की कम सीटों के लिए दलित फैक्टर बड़ी वजह मानी जा रही है. ऐसे में दलित वर्ग में मैसेज देने के लिए अर्जुन मेघवाल की कैबिनेट में वापसी संभव है.
गजेंद्र सिंह शेखावत क्यों है मंत्री पद के दावेदार
वैसे तो राजस्थान से 1 मंत्री पद की भी संभावना जताई जा रही है. लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर विचार किया जा सकता है. शेखावत तीसरी बार चुनाव में जीत दर्ज किया है. वहीं, गजेंद्र सिंह मोदी-शाह के नजदीकी होने के साथ सीमावर्ती इलाकों में अच्छा पकड़ रखते हैं. उनकी गिनती बीजेपी में राजपूत समाज से आने वाले सौम्य छवि के नेताओं में होती रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात के पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा दिए गए बयान के बाद देश में राजपूत समाज में जो नाराजगी दिखी थी. उसे कम करने में गजेंद्र सिंह शेखावत और राजनाथ सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में मारवाड़ की सियासी समीकरण साधने उन्हें मौका दिया जा सकता है. पिछली बार मारवाड़ से गजेंद्र सिंह के अलावा कैलाश चौधरी भी मंत्री थे, लेकिन इस बार कैलाश चौधरी को हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में शेखावत मोदी मंत्रिमंडल में फिर शामिल किये जा सकते हैं.
हालांकि, इसके अलावा राव राजेंद्र सिंह और महिमा कुमारी मेवाड़ भी राजपूत समाज से हैं. लेकिन यह पहली बार सांसद बने हैं. ऐसे में इनके मंत्री बनने की संभावना कम मानी जा रही है. हालांकि इनके अलावा भूपेंद्र यादव और ओम बिरला भी कतार में शामिल हैं. हालांकि ओम बिरला को पिछली बार ही लोकसभा अध्यक्ष जैसे बड़े पद मिले थे. वहीं भूपेंद्र यावद पहली बार लोकसभा से सांसद बने हैं.
Why Gajendra Singh Shekhawat along with Meghwal can get a place in Modi cabinet, these four names are also being discussed in the race
BJP has suffered a big loss in the Lok Sabha elections 2024 in Rajasthan. After losing 11 seats in Rajasthan, which has 25 Lok Sabha seats, speculations are being made about changes from state politics to central politics. BJP has suffered a loss in the caste equation in Rajasthan in the Lok Sabha elections 2024. During the elections, some such statements were made, due to which the resentment among some core voters has proved to be harmful for the BJP. In such a situation, now all eyes are on the cabinet formation. It is believed that the number of ministers from Rajasthan will decrease according to the seats. Along with this, having a coalition government at the Center will also affect the number of ministers. At the same time, the cabinet can be expanded keeping in mind the upcoming assembly elections.
However, despite this, it is believed that two MPs from Rajasthan will be included in the cabinet. Arjun Meghwal's name is at the top in this. Whereas after this, Gajendra Singh Shekhawat's name is believed to be certain. However, apart from this, there are four names which can be considered.
Why will Arjun Meghwal become a minister?
Arjun Meghwal is a big face in Rajasthan politics and central politics. He is one of the close aides of PM Modi. Talking about Rajasthan politics, he is the only prominent Dalit face of Marwar-Nahari region. Apart from this, Meghwal also has few opponents. Dalit factor is considered to be a big reason for BJP's fewer seats. In such a situation, Arjun Meghwal's return to the cabinet is possible to give a message to the Dalit class.
Why is Gajendra Singh Shekhawat a contender for the ministerial post?
Although, there is a possibility of one ministerial post from Rajasthan. But the name of Gajendra Singh Shekhawat can be considered. Shekhawat has won the election for the third time. Gajendra Singh is close to Modi-Shah and has a good hold in the border areas. He has been counted among the leaders of the gentle image coming from the Rajput community in BJP. After the statement given by Gujarat's Purushottam Rupala during the Lok Sabha elections, there was resentment in the Rajput community in the country. Gajendra Singh Shekhawat and Rajnath Singh played an important role in reducing it. In such a situation, they can be given a chance to balance the political equations of Marwar. Last time, apart from Gajendra Singh, Kailash Chaudhary was also a minister from Marwar, but this time Kailash Chaudhary has faced defeat. In such a situation, Shekhawat can be included in the Modi cabinet again.
However, apart from this, Rao Rajendra Singh and Mahima Kumari Mewar are also from the Rajput community. But they have become MPs for the first time. In such a situation, the possibility of them becoming ministers is considered less. However, apart from them, Bhupendra Yadav and Om Birla are also in the queue. However, Om Birla got big posts like Lok Sabha Speaker last time. Bhupendra Yadav has become an MP from Lok Sabha for the first time.