बीकानेर में तीन दिवसीय ‘सृजन सौरम हमारे बाऊजी’ समारोह, साहित्यकारों ने कहा , रंगा का साहित्य कालजयी और प्रेरणादायी
बीकानेर में प्रज्ञालय संस्थान द्वारा साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा की 92वीं जयंती पर तीन दिवसीय ‘सृजन सौरम हमारे बाऊजी’ समारोह आयोजित हुआ। कवि सम्मेलन में जाकिर अदीब और रवि पुरोहित सहित कई कवियों ने रंगा जी की साहित्यिक साधना को नमन किया।

बीकानेर में तीन दिवसीय ‘सृजन सौरम हमारे बाऊजी’ समारोह, साहित्यकारों ने कहा , रंगा का साहित्य कालजयी और प्रेरणादायी
लक्ष्मीनारायण रंगा — मानवीय चेतना के सशक्त पैरोकार रहे: जाकिर अदीब
बीकानेर, 12 अक्टूबर 2025।
प्रज्ञालय संस्थान द्वारा देश के ख्यातनाम साहित्यकार, रंगकर्मी, चिंतक एवं शिक्षाविद् कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की 92वीं जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय ‘सृजन सौरम हमारे बाऊजी’ समारोह के दूसरे दिन, उन्हें समर्पित ‘काव्य रंगत’ का आयोजन लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-संपादक रवि पुरोहित ने कहा कि लक्ष्मीनारायण रंगा का साहित्य सदैव प्रासंगिक और कालजयी रहेगा। उनका सृजन मानवीय संवेदना, भविष्य की संभावनाओं और समाज के मूल्यों को दिशा देने वाला था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने की। उन्होंने कहा कि “लक्ष्मीनारायण रंगा का साहित्य मानवीय चेतना का सशक्त पैरोकार रहा है। उन्होंने सभी विधाओं में विपुल सृजन कर एक अमिट छाप छोड़ी।”
राजस्थानी साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि रंगाजी की रचनाएं अनुभव, संवेदना और उदात्त चिंतन की अभिव्यक्ति हैं, जो समय की नब्ज़ को पहचानती हैं।
इस अवसर पर तीन भाषा-तीन पीढ़ी के कवि—जाकिर अदीब, रवि पुरोहित, कमल रंगा, प्रमोद शर्मा, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, मनीषा आर्य सोनी, डॉ. कृष्णा आचार्य, पुनीत कुमार रंगा, जुगल किशोर पुरोहित, कासिम बीकानेरी, सुमित रंगा, डॉ. नृसिंह बिन्नाणी, मधुरिमा सिंह, सागर सिद्दकी, राजाराम स्वर्णकार, कैलाश टाक, इन्द्रा व्यास सहित अनेक रचनाकारों ने समसामयिक विषयों पर काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी ने किया, जबकि आभार वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने व्यक्त किया।
समारोह में डॉ. अजय जोशी, आत्माराम भाटी, योगेन्द्र पुरोहित, गोपाल व्यास, महेन्द्र जोशी, बी.एल. नवीन, डॉ. फारूख चौहान, अविनाश व्यास, तुलसीराम मोदी, रूद्र प्रताप, अंकित रंगा, कार्तिक मोदी, भवानी सिंह आदि गणमान्य उपस्थित रहे।
प्रारंभ में उपस्थितजनों ने लक्ष्मीनारायण रंगा के तेलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया, जिससे पूरा परिसर साहित्यिक भावनाओं से ओतप्रोत हो गया।