भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल

स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया और उनके योगदान को याद किया।

भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल
भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल
भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल
भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल
भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल

स्वर्गीय सुन्दर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।

भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है – अर्जुनराम मेघवाल

बीकानेर: भाजपा के वरिष्ठ नेता और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक स्वर्गीय सुन्दर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर आज शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य की अध्यक्षता में बीकानेर भाजपा संभाग मुख्यालय में श्रद्धांजलि सभा रखी गई जिसमे मुख्य वक्ता केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने स्वर्गीय भंडारी के जीवन परिचय के साथ उनके विचारों से भाजपा कार्यकर्ताओं को रूबरू कराया मेघवाल ने बताया भंडारी का निधन आज ही के दिन 22 जून 2005 को हुआ राजस्थान से भंडारी जी का  ख़ास जुड़ाव रहा था सुन्दर सिंह भंडारी का जन्म 12 अप्रैल 1921 को उदयपुर में प्रसिद्द चिकित्सक डॉ. सुजान सिंह के घर पर हुआ था। 

1942 में अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद मेवाड़ कोर्ट में वकालात की। 1946 में आरएसएस के प्रचारक बनने के बाद उन्हें सबसे पहले जोधपुर विभाग का काम दिया गया। 1948 के प्रतिबंध काल के दौरान भूमिगत रहते हुए भंडारी ने जोधपुर और बीकानेर के साथ-साथ शेखावाटी क्षेत्र में सत्याग्रह का संचालन किया। शुरुआत में वे राजस्थान में जनसंघ के संगठन मन्त्री रहे। उन्ही के प्रयास से 1952 के चुनाव में राजस्थान से जनसंघ के आठ विधायक जीते। 1966 से 1972 तक वे राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रहे आपातकाल के विरुद्ध हुए संघर्ष के दौरान उन्हें जेल हुई जेल से ही वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। दो बार उन्हें राजस्थान से राज्यसभा में भेजा गया। तीसरी बार उन्होंने यह कहकर मनाकर दिया कि अब किसी अन्य कार्यकर्ता को अवसर मिलना चाहिए। 

मेघवाल ने कहा राष्ट्र उत्थान के लिए समर्पित जनसंघ की स्थापना में अनुकरणीय भूमिका निभाने वाले आदरणीय सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं आपके ओजस्वी और प्रखर विचारों के आलोक में हम अविराम कार्य करते हुए राष्ट्र के नवनिर्माण के पथ पर निरंतर गतिमान रहेंगे भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है उन्होंने कहा कि भंडारी आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी सादगी और राजनीति में शुचिता को हमेशा याद रखा जाएगा जो व्यक्ति राज्यपाल बनने के बावजूद अपनी धोती खुद धोता था, वो राजनीति जीवन में कितनी सादगी रखते रहे होंगे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। आज के 

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विधायक जेठानंद व्यास, ताराचंद सारस्वत, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, उपमहापौर राजेंद्र पंवार, ओबीसी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष चंपालाल गैदर, पूर्व विधायक बिहारीलाल विश्नोई, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य, मुमताज अली भाटी, पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल गहलोत अखिलेश प्रताप सिंह, महामंत्री मोहन सुराणा, नरेश नायक, श्याम सुंदर चौधरी, श्याम सुंदर पंचारिया, महेश मूंड उपाध्यक्ष, हनुमान सिंह चावड़ा, गोकुल जोशी, विजय उपाध्याय, किशन गोदारा, जितेंद्र रजवी, आनंद सिंह भाटी, संवाई सिंह तंवर, हनुमान बेद, भगवान सिंह मेड़तिया, मंत्री मनीष सोनी, महेश व्यास, रामनिवास कसवा, भारती अरोड़ा, कमल आचार्य, नरसिंह सेवग, विनोद करोल, चंद्रप्रकाश गहलोत, संपत पारीक, सुमन छाजेड़, सुमन जैन कर्नल हेम सिंह, पंकज अग्रवाल, भूपेंद्र शर्मा, मोती सिंह राठौड़, गोपाल अग्रवाल, दिलीप पूरी, ओमप्रकाश मीणा, भंवरलाल जांगिड, चंद्र मोहन जोशी, जसराज सिंवर, विनोद गिरी, सोहन चांवरिया, विक्रम सिंह भाटी, सुभाष वाल्मीकि, सरोज प्रजापत, सुशील शर्मा, रमजान अब्बासी, विक्रम राजपुरोहित, पवन स्वामी, प्रिय गिड़वानी, सुरेश भसीन, पाबुदान सिंह राठौड़, सुखाराम दावा, राजेश गहलोत, छगन प्रजापत, किशोर आचार्य, अनिल हर्ष, मूलचंद सोलंकी, सुधा आचार्य, राहुल पारीक, आशा पारीक, बाबूलाल सैनी, चथर सिंह, पूनम चंद विश्नोई, पवन भाटी उपस्थित रहे।

Tribute meeting organized on the death anniversary of late Sundar Singh Bhandari.

The Banyan tree of BJP that we see today, its foundation has been laid by great men like late Sundar Singh Bhandari – Arjunram Meghwal

Bikaner: On the death anniversary of late Sundar Singh Bhandari, senior BJP leader and one of the founding members of Jansangh, a tribute meeting was held today at Bikaner BJP division headquarters under the chairmanship of city district president Vijay Acharya, in which the main speaker was Union Law Minister Arjunram Meghwal. Union Minister Arjunram Meghwal introduced the BJP workers to the thoughts of late Bhandari along with his biography. Meghwal said that Bhandari died on this day, 22 June 2005. Bhandari ji had a special connection with Rajasthan. Sundar Singh Bhandari was born on 12 April 1921 in Udaipur at the house of famous doctor Dr. Sujan Singh.

After completing his education in 1942, he practiced law in Mewar Court. After becoming a pracharak of RSS in 1946, he was first given the responsibility of Jodhpur division. During the ban period of 1948, Bhandari remained underground and conducted satyagraha in Jodhpur and Bikaner as well as Shekhawati region. Initially, he was the organization minister of Jansangh in Rajasthan. Due to his efforts, eight Jansangh MLAs won from Rajasthan in the 1952 elections. He was a Rajya Sabha member from Rajasthan from 1966 to 1972. He was jailed during the struggle against emergency and was elected to Rajya Sabha from jail itself. Twice he was sent to Rajya Sabha from Rajasthan. The third time he refused saying that now some other worker should get the opportunity.

Meghwal said, I pay my humble tribute to respected Sunder Singh Bhandari on his death anniversary, who played an exemplary role in establishing the Jansangh dedicated to the upliftment of the nation. In the light of your dynamic and sharp thoughts, we will work tirelessly and keep moving on the path of nation building. The banyan tree of BJP that we see today, its foundation was laid by great men like late Sunder Singh Bhandari. He said that Bhandari is not among us today, but his simplicity and purity in politics will always be remembered. The person who used to wash his dhoti himself despite becoming the Governor, it can be easily imagined how much simplicity he must have maintained in his political life. In today's tribute program, MLA Jethanand Vyas, Tarachand Saraswat, Mayor Sushila Kanwar Rajpurohit, Deputy Mayor Rajendra Panwar, OBC Morcha State President Champalal Gaidar, former MLA Biharilal Vishnoi, State Executive Member Satyaprakash Acharya, Mumtaz Ali Bhati, former District President Gopal Gehlot Akhilesh Pratap Singh, General Secretary Mohan Surana, Naresh Nayak, Shyam Sundar Chaudhary, Shyam Sundar Pancharia, Mahesh Mund Vice President, Hanuman Singh Chawda, Gokul Joshi, Vijay Upadhyay, Kishan Godara, Jitendra Rajvi, Anand Singh Bhati, Sawai Singh Tanwar, Hanuman Bed, Bhagwan Singh Mertiya, Minister Manish Soni, Mahesh Vyas, Ramniwas Kaswa, Bharti Arora, Kamal Acharya, Narsingh Sewag, Vinod Karol, Chandraprakash Gehlot, Sampat Pareek, Suman Chhajed, Suman Jain Colonel Hem Singh, Pankaj Agarwal, Bhupendra Sharma, Moti Singh Rathore, Gopal Agarwal, Dilip Puri, Omprakash Meena, Bhanwarlal Jangid, Chandra Mohan Joshi, Jasraj Sinwar, Vinod Giri, Sohan Chawriya, Vikram Singh Bhati, Subhash Valmiki, Saroj Prajapat, Sushil Sharma, Ramzan Abbasi, Vikram Rajpurohit, Pawan Swami, Priya Gidwani, Suresh Bhasin, Pabudan Singh Rathore, Sukharam Dawa, Rajesh Gehlot, Chhagan Prajapat, Kishore Acharya, Anil Harsh, Moolchand Solanki, Sudha Acharya, Rahul Pareek, Asha Pareek, Babulal Saini, Chathar Singh, Poonam Chand Vishnoi, Pawan Bhati were present.