दिल दहला देने वाली घटना: मां ने 6 दिन की बेटी संग कुएं में कूदकर दी जान, तीन की मौत
राजस्थान के सिरोही जिले में दर्दनाक घटना। जमना देवी नाम की महिला ने अपनी दो मासूम बेटियों के साथ कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। नवजात बच्ची मां की कमर से बंधी मिली। पुलिस जांच जारी।
दिल दहला देने वाली घटना: मां ने 6 दिन की बेटी संग कुएं में कूदकर दी जान, तीन की मौत
सिरोही जिले के ढिबडी गांव में सोमवार सुबह एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। एक 25 वर्षीय महिला ने अपनी दो मासूम बेटियों के साथ कुएं में कूदकर जान दे दी। मरने वालों में ढाई साल की बच्ची और केवल छह दिन की नवजात शामिल हैं। गांव में सुबह की शांति इस दिल दहला देने वाली खबर से टूट गई और हर कोई स्तब्ध रह गया।
परिवार के अनुसार, मृतका जमना देवी पत्नी केवाराम रेबारी पिछले दो माह से अपने पीहर में रह रही थी। छह दिन पहले उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। रविवार रात परिवार ने साथ बैठकर खाना खाया और हर दिन की तरह सभी अपने-अपने कमरों में सो गए। किसी को अंदाजा नहीं था कि रात जमना देवी अपने जीवन का आखिरी फैसला लेने जा रही है।
सुबह जब परिवार के लोग उठे तो जमना देवी और दोनों बेटियां कहीं दिखाई नहीं दीं। घर में तलाश शुरू हुई तो किसी ने बताया कि घर से थोड़ी दूरी पर एक लाल चुनरी पड़ी हुई मिली है। चुनरी देखकर परिजनों को अनहोनी का अंदेशा हो गया। जब ग्रामीणों ने कुएं में झांककर देखा तो पानी में एक बच्ची का शव तैरता दिखाई दिया। इसके बाद तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
थानाधिकारी प्रवीण आचार्य अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे। कुएं में पानी अधिक था, जिससे शव निकालना मुश्किल हो रहा था। ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से मोटर और जनरेटर मंगवाए गए। करीब 30 फीट पानी बाहर निकाला गया। जैसे-जैसे पानी कम होता गया, अंदर एक के बाद एक तीन शव नजर आने लगे। सबसे दर्दनाक दृश्य तब सामने आया जब नवजात बच्ची अपनी मां की कमर से बंधी हुई मिली। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल पिघला गया।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। हालांकि, महिला ने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह अभी स्पष्ट नहीं है। परिवारजन मानसिक तनाव और प्रसव के बाद की स्थिति को कारण मान रहे हैं, लेकिन वास्तविक कारण की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
गांव में इस घटना को लेकर शोक का माहौल है। लोग यकीन नहीं कर पा रहे कि एक मां ने अपनी मासूम बेटियों को साथ लेकर इतना कठोर कदम क्यों उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार में किसी तरह का बड़ा विवाद नहीं था और सब कुछ सामान्य लग रहा था।
यह घटना फिर एक बार समाज के सामने सवाल खड़ा करती है कि मानसिक तनाव और भावनात्मक दबाव किस तरह एक इंसान को टूटने पर मजबूर कर सकता है। प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने महिलाओं के लिए काउंसलिंग व सहायता प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है।


