समर्पण दिवस के रूप मनाया गया दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि, बीकानेर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

समर्पण दिवस के रूप मनाया गया दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि, बीकानेर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

समर्पण दिवस के रूप मनाया गया दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि, बीकानेर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि।

बीकानेर भारतीय जनता पार्टी के शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य, देहात जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर पंचारिया ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक एव राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को भाजपा कार्यकताओं के साथ समर्पण दिवस के रूप में मनाया इस अवसर पर आज पंडित दिन दयाल सर्किल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ हुई।

 भाजपा शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य ने पंडित जी के जीवन पर बात करते हुए कहा दीनदयाल उपाध्याय ने जनसंघ से लेकर अंतोदय तक, महान राजनीतिक चिंतक के रूप में पहचान बनाई पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के चंद्रभान गांव में हुआ था इसी दिन को समर्पण दिवस के रूप में मनाया जाता है आपने अद्वितीय कौशल संगठन से जनसंघ के विस्तार में अहम भूमिका निभाई, जिसने आज भाजपा जैसे वट वृक्ष का रूप लेकर भारतीय संस्कृति के प्रवाह को अभिसिंचित कर रहा है आपका 'एकात्म मानववाद' का दर्शन व ‘अंत्योदय’ का विचार आज भारतीय राजनीति के केंद्र में है जो शोषितों, वंचितों, पिछड़ों और गरीबों के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करते हुए सभी नागरिकों को विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रेरित कर रहा है। देहात जिलाध्यक्ष श्याम पंचारिया ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ही अंत्योदय का नारा दिया था,

 उनका कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं तो इसके लिए राष्ट्रवाद को समझना होगा और इस विचार को अपने अंदर लाना होगा इसके अलावा पं दीन दयाल उपाध्याय एक पत्रकार भी थे उनके द्वारा लिखी गई कई पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन किया गया साथ ही राष्ट्रधर्म का प्रकाशन किया इसके साथ ही उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा का प्रचार-प्रसार भी किया। विधायक जेठानंद व्यास ने इस मौके पर कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति के उन महान विचारकों में से थे जिन्होंने सत्ता की बजाय समाज सेवा को अपना उद्देश्य बनाया वे केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि एक महापुरुष थे जिन्होंने राष्ट्रहित में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया उन्होंने कहा एकात्म मानववाद के प्रणेता उपाध्याय जी का संपूर्ण चिंतन समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए था।

आज के इस कार्यकम में मुमताज अली भाटी, मोहन सुराणा, नरेश नायक, श्याम सुंदर चौधरी, राजेंद्र पंवार, हनुमान सिंह चावड़ा, बाबूलाल गहलोत, सांगीलाल गहलोत, जगदीश सोलंकी, भारती अरोड़ा, चंद्र मोहन जोशी, देवरूप सिंह, सुमन छाजेड, सोहनलाल चांवरिया, राजाराम सिंगढ़, ओम सोनगरा, मोहम्मद रमजान अब्बासी, प्रेम गहलोत, आशा आचार्य, मुकेश सैनी, दिनेश चौहान, पूनमचंद पूनिया, सुशील शर्मा, नवरत्न घिण्टल, देवीलाल मेघवाल, विक्रम सिंह भाटी, महेंद्र ढाका, गजेंद्रसिंह भाटी, कमल आचार्य, जेठमल नाहटा, मुकेश ओझा, निशांत गौड़, नेमीचंद तंवर, चंत्तर सिंह चौहान, अशोक चांवरिया, सुभाष वाल्मीकि, अरविंद सिंह चारण, सरिता नाहटा, भानु आनंद, राधा खत्री, सुमन जोशी, शिखरचंद डागा, पवन भाटी, मनोज बिश्नोई, पवन स्वामी, भवानी पाईवाल, भंवर जांगिड़, भोमराज मेघवाल, किशोर आचार्य, बाबूलाल सैनी, पुनीत ढाल, चंद्रप्रकाश गहलोत उपस्थित थे।