पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण: विधायक जेठानंद व्यास का देर रात औचक दौरा, सोनोग्राफी व उपकरणों की कमी उजागर

पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण के दौरान सामने आई कई गंभीर खामियां: ट्रॉमा सेंटर में तत्काल सोनोग्राफी सुविधा का अभाव, गंभीर मरीज को बाहर शिफ्ट करना पड़ा, आवश्यक मेडिकल उपकरणों की कमी उजागर, विधायक जेठानंद व्यास ने दिए सुधार के सख्त निर्देश, मरीजों को समय पर इलाज देने पर विशेष जोर

 0
पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण: विधायक जेठानंद व्यास का देर रात औचक दौरा, सोनोग्राफी व उपकरणों की कमी उजागर
.
MYCITYDILSE

पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण से खुली व्यवस्थाओं की पोल

पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण के दौरान बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक जेठानंद व्यास ने अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं की वास्तविक स्थिति को सामने लाया। रविवार देर रात हुए इस औचक निरीक्षण ने ट्रॉमा सेंटर की तैयारियों पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

यह निरीक्षण उस समय हुआ जब एक कार्यकर्ता ने विधायक को फोन कर बताया कि उसकी पत्नी का इलाज ट्रॉमा सेंटर में समय पर नहीं हो पा रहा है। सूचना मिलते ही विधायक व्यास बिना किसी देरी के पीबीएम अस्पताल पहुंचे और ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष जायजा लिया।

ट्रॉमा सेंटर में सोनोग्राफी सुविधा का अभाव

निरीक्षण के दौरान सबसे गंभीर तथ्य यह सामने आया कि ट्रॉमा सेंटर में तत्काल सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस कारण एक गंभीर मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से दूसरे स्थान पर भेजना पड़ा।

पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण के दौरान विधायक व्यास ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि ट्रॉमा सेंटर जैसे संवेदनशील विभाग में ऑन द स्पॉट सोनोग्राफी की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच में देरी सीधे मरीज की जान के लिए खतरा बन सकती है।

मेडिकल उपकरणों की कमी पर जताई नाराजगी

निरीक्षण में यह भी सामने आया कि ट्रॉमा सेंटर में कुछ आवश्यक मेडिकल उपकरणों की कमी बनी हुई है। विधायक ने कहा कि आपातकालीन वार्ड में हर जरूरी उपकरण हर समय उपलब्ध रहना चाहिए।

उन्होंने अधीक्षक को निर्देश दिए कि उपकरणों की कमी को प्राथमिकता के आधार पर तुरंत दूर किया जाए। विधायक व्यास ने दो टूक कहा कि मरीजों की जान से जुड़ी सेवाओं में किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।

सरकारी अस्पतालों में निजी जैसी सुविधाओं की मांग

पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण के दौरान विधायक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले अधिकांश मरीज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होते हैं। ऐसे में उन्हें निजी अस्पतालों जैसी त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं मिलनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार केवल कागजी नहीं, बल्कि जमीन पर दिखना चाहिए, ताकि आम जनता का भरोसा सरकारी व्यवस्था पर बना रहे।

अधीक्षक ने दी स्थिति की जानकारी

पीबीएम अधीक्षक डॉ. बी.सी. घीया ने विधायक को बताया कि अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से सुचारु हैं। हालांकि मरीजों का दबाव अधिक होने के कारण कभी-कभी उपकरणों की उपलब्धता प्रभावित हो जाती है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को एंबुलेंस के माध्यम से तुरंत जांच के लिए शिफ्ट किया जाता है और व्यवस्थाओं को लगातार बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।

व्यवस्थाएं सुधारने का भरोसा

पीबीएम ट्रॉमा सेंटर निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्थाओं को और मजबूत करने का भरोसा दिलाया है। विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि वे स्वयं इन निर्देशों की मॉनिटरिंग करेंगे और भविष्य में किसी भी आपातकालीन मरीज को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।