मानवता की मिसाल: बीकानेर के न्यूरो सर्जन डॉ. कृष्णवीर ने 8 माह से कोमा में चल रहे युवक का फ्री इलाज किया

बीकानेर के न्यूरो सर्जन डॉ. कृष्णवीर ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए 8 महीने से कोमा में चल रहे हरिप्रसाद मेघवाल का पूरा इलाज नि:शुल्क किया। शुक्रवार को हरिप्रसाद स्वस्थ होकर घर लौटा।

 0
मानवता की मिसाल: बीकानेर के न्यूरो सर्जन डॉ. कृष्णवीर ने 8 माह से कोमा में चल रहे युवक का फ्री इलाज किया
.
MYCITYDILSE

बीकानेर: नि:शुल्क इलाज कर हरिप्रसाद के लिए 'कृष्ण' बने डॉक्टर कृष्णवीर, 8 महीने से कोमा में चल रहे युवक को मिला नया जीवन

बीकानेर। कभी-कभी मानवता ऐसी मिसाल पेश करती है जो समाज में विश्वास और उम्मीद को फिर से जीवंत कर देती है। बीकानेर के जीवन रक्षा अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. कृष्णवीर ने ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर 8 महीनों से कोमा में चल रहे हरिप्रसाद मेघवाल का उन्होंने पूरा इलाज नि:शुल्क करके गरीब परिवार को नई उम्मीद दी है।

शुक्रवार को जब हरिप्रसाद को स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी मिली तो उनकी मां की आंखों में खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उन्होंने भावुक होकर डॉ. कृष्णवीर और पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई का आभार व्यक्त किया, जिनकी मदद से उनका बेटा जीवन की नई शुरुआत कर पाया।

 कैसे शुरू हुआ दया का यह सफर?

सादुलगंज निवासी हरिप्रसाद एक सड़क हादसे में गंभीर घायल हो गया था और गहरी कोमा अवस्था में चला गया। पिछले 8 महीनों में परिवार इलाज के खर्चों के कारण टूट चुका था। नवंबर में उसकी मां ने पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई को अपनी परेशानी बताई कि आगे इलाज करवाना संभव नहीं है।

इस पर मनोज विश्नोई ने न्यूरो सर्जन डॉ. कृष्णवीर से बात की और इलाज में छूट देने का अनुरोध किया। मगर डॉक्टर ने मानवता दिखाते हुए कहा—
“पूरा इलाज मैं मुफ्त करूंगा, आप मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाएं।”

जिसके बाद हरिप्रसाद को जीवन रक्षा अस्पताल में भर्ती किया गया और पूरे 1 महीना 8 दिन तक निरंतर उपचार चला। डॉक्टर ने आईसीयू, वेंटिलेटर, दवाओं—किसी भी खर्च का एक रुपये भी नहीं लिया।

 डॉक्टर बने परिवार के लिए देवदूत

पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई ने कहा कि डॉ. कृष्णवीर ने जो वादा किया, उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाया। उन्होंने हरिप्रसाद के परिवार के लिए सचमुच "देवता" की भूमिका निभाई है।

 परिवार और समाज में खुशी की लहर

हरिप्रसाद की रिकवरी के बाद परिवार में खुशियों का माहौल है। उनकी मां ने कहा कि वह अपने बेटे को फिर से चलते-फिरते देखने की उम्मीद छोड़ चुकी थीं, लेकिन डॉक्टर की संवेदनशीलता ने चमत्कार कर दिया।

यह घटना बीकानेर में चिकित्सा जगत के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है, जो दिखाती है कि सच्ची सेवा इंसानियत को जिंदा रखती है।