नाबालिग लड‍़की की षड्यंत्रपूर्वक शादी करवाने का मामला दर्ज

बीकानेर के छत्तरगढ़ थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की की षड्यंत्रपूर्वक शादी करवाने का मामला दर्ज। पुलिस ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत जांच शुरू की। जानिए पूरी खबर।

नाबालिग लड‍़की की षड्यंत्रपूर्वक शादी करवाने का मामला दर्ज
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नाबालिग लड‍़की की षड्यंत्रपूर्वक शादी करवाने का मामला दर्ज

बीकानेर: बीकानेर जिले के छत्तरगढ़ थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की की षड्यंत्रपूर्वक शादी करवाने का गंभीर मामला सामने आया है। इस संबंध में नाबालिग के मामा ने नौ नामजद आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामला कैसे सामने आया?

परिवादी का आरोप है कि आरोपियों ने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उसकी नाबालिग भांजी की शादी करवा दी। इस मामले में राजासर भाटियान निवासी संतोष कंवर, सादोलाई निवासी छैल्लू सिंह, बन्नेसिंह, मुसलकी निवासी रामुराम पंडित, बीकानेर निवासी भादरसिंह, मुसलकी निवासी प्रतापसिंह, राजासर भाटियान निवासी रूक्मादेवी, प्रेमाराम और कोजूसिंह के नाम शामिल हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच

छत्तरगढ़ थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

बाल विवाह पर कानूनी प्रावधान

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी करवाना अपराध है। दोषियों को कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

समाज को संदेश

इस घटना से एक बार फिर बाल विवाह की सामाजिक समस्या उजागर हुई है। बाल विवाह न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। समाज को इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक होना आवश्यक है।