नहरबंदी में पानी चोरी:इंदिरा गांधी नहर में अवैध रूप से साइफन लगा रहे हैं किसान, दस किसानों पर FIR दर्ज कराएगा नहर प्रशासन
इंदिरा गांधी नहर में नहर बंदी के साथ ही पानी चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। पुलिस और इंजीनियर्स ने नहर एरिया में फ्लैग मार्च शुरू किया तो करीब एक दर्जन जगह पानी चोरी करने के लिए साइफन (नहर में अवैध रूप से लगे पाइप) लगे मिले। फिलहाल इन साइफन को हटाते हुए संबंधित किसानों के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए गए हैं। नहर की आरडी 820 से आरडी 860 तक फ्लैग मार्च हो चुका है और आगे भी ये जारी रहेगा।
इंदिरा गांधी नहर के अधिशासी अभियंता ललित शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि नहर बंदी के कारण पानी बंद हो चुका है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी बंद किया जा रहा है, वहीं सिर्फ पीने के लिए पानी दिया जा रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में किसान अवैध रूप से पाइप लगाकर नहर से पानी चोरी कर रहे हैं। ऐसे किसानों के खिलाफ इस बार सख्त कार्रवाई की जा रही है। शर्मा और उनकी टीम ने आरडी 820 से 860 तक फ्लैग मार्च किया तो कई जगह पानी चोरी देखने को मिली। ऐसे पाइप तुरंत नहर से बाहर निकाले गए। पाइप जब्त कर लिए गए हैं। जिन खेतों में ये पानी लिया जा रहा था, उन खेतों के किसानों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर के आदेश दिए गए हैं।
कैसे लगता है साइफन?
नहर के ठीक पास वाले खेत में पानी लेने के लिए किसान एक बड़ा पाइप नहर में डालते हैं। दूसरी तरफ से मशीन की सहायता से पानी खींच लेते हैं। खेत में या तो सीधे पानी पहुंचा देते हैं या फिर डिग्गी आदि में पानी डालते हैं। नहर बंदी के दौरान किसान को खेत की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता। फिलहाल सिर्फ नहर में पीने के लिए पानी चलाया गया है। ऐसे में खेती के लिए पानी लेने को पानी चोरी माना जा रहा है।
इन जिलों में नहर बंदी का असर
नहर बंदी के दौरान पानी नहीं आने से पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में संकट खड़ा हो जाता है। हर बार की तरह इस बार भी बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर, नागौर, बाडमेर, जैसलमेर तक पानी की संकट खड़ा होने वाला है। फिलहाल आंशिक नहर बंदी चल रही है। पूर्ण नहर बंदी होने के साथ ही बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
इस बार ऐसे रहेगी नहर बंदी
इंदिरा गांधी नहर में मरम्मत के लिए इस बार 26 मार्च से शुरू हो गई, जो 24 अप्रैल तक आंशिक नहर बंदी रहेगी। इसके बाद 25 अप्रैल से 24 मई तक बीकानेर में पूर्ण नहर बंदी रहेगी। आंशिक नहर बंदी में जलदाय विभाग को पीने का पानी मिलता रहेगा लेकिन किसान को सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जाएगा।वहीं 25 अप्रैल से 24 मई तक पीने के लिए पानी भी नहीं आएगा। ऐसे में जलदाय विभाग को पहले से जमा पानी से ही अपने अपने शहरों की प्यास बुझानी होगी।