आजकल के इस दौर में जब लोग सिंगल फैमिली को तवज्जो देते हैं और अकेले ही अपने परिवार के साथ रहते हैं, ऐसे में राजस्थान का ये परिवार इन लोगों के लिए एक मिसाल है जो अपने पूरे परिवार के साथ रहता है, ये कोई मामूली परिवार नहीं है।
इस परिवार में इतने लोग है कि जितने पालिका के एक वार्ड में। ये परिवार है अजमेर के रामसर गांव का।
विक्की कौशल और सारा अली खान भी मिले
माली समुदाय के इस परिवार में 185 सदस्य हैं। इनके घर जो में 84 कमरे हैं जो 6 मकानों में विभाजित हैं। इस परिवार के पास 100-200 नहीं बल्कि 700 बीघा जमीन है। हाल ही में अभिनेता विक्की कौशल और अभिनेत्री सारा अली खान भी अपनी फिल्म थोड़ा हटके थोड़ा बचके के प्रमोशन के लिए जब अजमेर आए थे तो वे भी इस परिवार से मिले थे। इस मुलाकात के बाद ही ये परिवार अच्छी-खासी सुर्खियों में आ गया और तब पता चला कि ये तो देश का दूसरी सबसे बड़ा परिवार है।
सारा और विक्की भी इस परिवाल से मिले, चूल्हे पर रोटियां सेंकी
अजमेर के जिस परिवार की हम बात कर रहे हैं वो जिले के रामसर गांव में रहता है। उसके मुखिया का नाम मोहनलाल माली है। इनके परिवार में 3-3 पीढ़ियां रह रही हैं। कुल 185 सदस्य इस परिवार में है। परिवार में बड़े से लेकर छोटे तक घर का काम बंटाते हैं ताकि किसी को भी काम का बोझ ना रहे और सभी मिलजुल कर काम करें और कभी लड़ाई-झगड़े की नौबत ना आए।
मोहनलाल का बहू गांव की सरपंच
मोहनलाल माली के परिवार की एक बहू तो गांव की सरपंच भी है। सरपंच बनने के बाद इस परिवार का गांव में खासा दबदबा हो गया। लेकिन कभी भी इस परिवार ने गांव में अपनी दबंगई नहीं दिखाई। सरपंच बहू ने गांव में काफी विकास कार्य कराए। गलियों में स्ट्रीट लाइट से लेकर पानी तक के मूलभूत इंतजाम इस परिवार की सरपंच बहू ने कराए हैं। परिवार की एक और बड़ी बहू ने पिछली बार भी सरपंच का चुनाव लड़ा था लेकिन तब वो हार गई थीं लेकिन अब छोटी बहू गांव की सरपंच है।
ये हैं परिवार के मुखिया
अब इस परिवार के घर की बात करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस परिवार के कुल 6 मकान बने हैं जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और इस तरह से बने हैं कि एक घर के अंदर से ही आप दूसरे घर में जा सकते हैं, यानी अगर हम इस 6 मकानों का एक घर कहें तो गलत नहीं होगा। इस परिवार में कुल मिलाकर 11 चूल्हें लगे हुए हैं जिन पर परिवार की बुजुर्ग महिलाएं सुबह और शाम का खाना बनाती हैं, उनका काम सिर्फ खाना बनाने का होता है। परिवार के 2 सदस्य शिक्षक हैं और 2 सदस्य कंपाउंडर हैं कुछ लोग प्राइवेट नौकरी भी करते हैं। इन सभी लोगों के लिए एक साथ करीब 65 किलो आटे की रोटियां एक बार में ही बन जाती हैं। इनके खाने का खर्च भी 12 लाख रुपए तक आ जाता है।
महिलाएं घर का खाना बनाती हैं, 11 चूल्हें पूरे घर में हैं
इतने सालों से सभी को एक साथ लेकर एक परिवार में रहने और इतने बड़े परिवार को संभालने के सवाल पर परिवार के मुखिया मोहनलाल का कहना है कि वे 6 भाई हैं और सभी भाईयों के परिवार एक साथ रहते हैं, सभी लोग काम करते हैं, घर के बच्चे, बेटे, बेटियां पढ़ते भी हैं और घर का काम भी बंटाते हैं। एक साथ रहना तो हमें हमारे दादा-परदादा ने सिखाया था वे भी संयुक्त परिवार में रहते थे और हम भी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। मोहनलाल ने बताया कि पहले तो हमारे पास सिर्फ एक ही मकान था, जिसमें 30 कमरे थे, परिवार के सदस्य बढ़े तो धीरे-धीरे मकान को आगे बनवाया। सदस्यों के हिसाब से मकान आगे बनवाते गए औक अब ये घर तैयार हुआ है जिसमें अब कुल 84 कमरे हैं।
बता दें कि सदस्यों के हिसाब से अजमेर का ये परिवार देश की दूसरा सबसे बड़ा परिवार हो गया है। मिजोरम के जिओना चाना का परिवार देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा परिवार है। इस परिवार में भी लगभग 200मेंबर हैं। इनके घर में 100 कमरे हैं।
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