राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल जनता के हित में इसलिए डॉक्टर्स को अपनी जिद छोड़ कर जनता की सेवा करनी चाहिए।
सीएम गहलोत ने कोटा में शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि राइट टू हेल्थ बिल को लेकर चल रहे आंदोलन के पीछे आरएसएस से जुड़ी एक लॉबी सक्रिय है जो चिकित्सकों को भड़का रही है। सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी और संघ के नेताओं को इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए।
कानून अभी लागू नहीं हुआ
राइट टू हेल्थ बिल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है, एक परिवार की 55 फ़ीसदी आम आदमी घर खर्च में चली जाती है और महंगे इलाज के चक्कर में लोगों की जमीन जायदाद तक बिक जाते हैं। इसीलिए हम राइट टू हेल्थ बिल लेकर आए हैं जिससे कि गरीब से गरीब आदमी का भी इलाज हो सके। सीएम गहलोत ने कहा कि डॉक्टरों को हड़ताल समाप्त कर देनी चाहिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अभी कानून लागू नहीं हुआ है और नियम कायदे नहीं बने हैं। डॉक्टरों को अगर कोई कमी लगती है तो उस पर हम बात कर सकते हैं।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से डर गई केंद्र सरकार
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से केंद्र सरकार घबरा गई थी। इसीलिए संसद में पहले राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया गया और उसके बाद आनन-फानन में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है।
सीएम गहलोत ने कहा कि विपक्ष के जो भी नेता केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ बोलते हैं उनके पीछे ईडी-सीबीआई को लगा दिया जाता है। देश में आज हालात चिंताजनक हैं, पंजाब में आज क्या हालात हो रहे हैं वो सबके सामने हैं। केंद्र सरकार को इस पर ध्यान ज्यादा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तानाशाही रवैए के खिलाफ देश की सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना जाना चाहिए।