[su_heading]RBI एक रुपये का छोटा सिक्का लेने से मना करने पर हो सकती है कार्रवाई[/su_heading]
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक रुपये का सिक्का अधिकृत रूप से प्रचलन के लिए चलाया है. लेकिन कुछ दिनों से बाजार में एक रुपये के छोटे सिक्के को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई है. दुकानदार ये छोटा सिक्का लेने से मना कर देते हैं. जिससे आम आदमी या ग्राहक को कई बार दुकानदार के साथ बहस करते हुए भी देखा गया है. यही बात 10 रुपये के सिक्के पर भी देखने को मिली है.
दरअसल बाजार में 10 रुपये के दो तरह के सिक्के देखने में आते हैं. जिनमें से एक सिक्के को दुकानदार लेने से मना कर देता है. यदि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के कानून को देखा जाए तो भारतीय मुद्रा को प्रचलन में होने के बाद मना करना कानूनन अपराध है. फिर भी दुकानदार एक रुपये का छोटा सिक्का लेने से मना कर रहे हैं. अधिकारियों ने साफ तौर पर बताया कि एक रुपए का छोटा सिक्का भारतीय मुद्रा की अधिकृत करेंसी है. इसको लेने से मना करना अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे लोगों के खिलाफ कानून में कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.
अपराध है भारतीय मुद्रा के चलन को मना करना
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि भारतीय मुद्रा के चलन को किसी भी तरीके से मना करना भारतीय कानून में अपराध है. यदि कोई भी भारतीय मुद्रा के परिचलन में किसी तरीके की कोई अफवाह फैलाएगा तो उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि फिर कहीं किसी प्रकार की कोई भ्रांतियां है तो आधिकारिक रूप एक सर्कुलर जारी किया जाएगा.
अफवाहों पर ध्यान न दें
जिलाधिकारी ने कहा कि जनता एक रुपये व 10 रुपये के सिक्कों के प्रचलन को लेकर किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. यदि कोई दुकानदार आदि सिक्कों को लेने से मना करे तो उसकी शिकायत सम्बन्धित कार्यालय में करें. निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाईकी जाएगी. उन्होंने दुकानदारों को भी हिदायत देते हुए कहा कि इस तरीके का कोई भी कार्य अपने स्तर से ना करें और भारतीय मुद्रा को सहर्ष स्वीकार करें.
अधिकृत करेंसी है एक रुपये का सिक्का
क्षेत्रीय प्रबंधक अधिकारी अनिल कुमार ने कहा एक रुपये का सिक्का पूर्ण रूप से अधिकृत करेंसी है. उन्होंने बताया कि एक रुपये का सिक्का भारतीय मुद्रा व रिजर्व बैंक की ओर से पूर्ण रूप से प्रचलन में है. उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति एक रुपये को स्वीकार नही करता तो यह नियम विरुद्ध है और कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. अनिल कुमार ने कहा कि आधिकारिक रूप से इस आशय के जुड़े निर्देश सभी लोगों को प्रसारित कराए जाएंगे.इस संबंध में यदि कोई अनियमितता या समस्या सामने आती है, तो उसका समाधान किया जाएगा.
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